नई दिल्लीः भारत के सभी हिस्सों से लगभग मानसून पूरी तरह से वापस लौट गया है, जिसके बाद भी बेमौसम बारिश लोगों की शामत बनी हुई है। उत्तर भारत के तमाम हिस्सों में बेमौसम आंधी और बारिश से खरीफ की फसल को काफी हानि हुई, जिससे किसानों ने सिर पर हाथ रख लिया है।
भारत के अधिकतर हिस्सों में बारिश ने लोगों का जीना ही हराम कर दिया है, जिससे तापमान के गिरने का क्रम जारी है। पहाड़ों के पर्वतीय इलाकों में लगातार बर्फबारी ने दिसंबर औ जनवरी की यादें ताजा कर दी हैं, जहां लोगों की कंकंपी बंधी है।
दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में दोपहर बारिश होने से तापमान काफी नीचे खिसक गया। इतना ही नहीं आंधी चलने से बिजली के खंभे और पेड़ भी जमींदोज हो गए, जिससे लोगों को विद्युत कटौती का सामना करना पड़ा। इस बीच देश के कई इलाकों में बादलों की गरज और चमक के साथ भारी बारिश होने की चेतावनी जारी कर दी है।
इन हिस्सों में होगी झमाझम बारिश
आईएमडी के अनुसार, दक्षिण भारत सहित पूर्वोत्तर के हिस्सों में भी झमाझम बारिश होने की संभावना जताई है। मौसम विभाग बुलेटिन ने केरल में 23 और 24 अक्टूबर को आंधी के साथ तेज बारिश होने की उम्मीद जताई है। यहां तेज हवाएं चलने के साथ आंधी तूफान का अलर्ट जारी कर दिया गया है।
इसके साथ ही हपूर्वोत्तर भारत की बात करें तो नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा में 24 अक्टूबर को तेज बारिश का दौर जारी रह सकता है। देश के बाकी राज्यों में अगले चार दिन मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने की उम्मीद है। राजधानी दिल्ली में अधिकतम तापमान 30 डिग्री रहने की संभावना है। शुक्रवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम, 16.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है।
यहां जानिए कैसा रहेगा मौसम का हाल
मौसम विभाग के अनुसार, एमपी में भी सर्दी ने ठंड की एंट्री कर ली है। बीते 24 घंटे में दिन और रात के तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखने को मिली। आईएमडी के अनुसार, बैतूल, छिंदवाड़ा समेत चार जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है।
एमपी की राजधानी भोपाल के तापमान की बात करें तो यहां पर पिछले 24 घंटे का तापमान 32.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 19.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है। वहीं, 22 अक्टूबर के दौरान क्षेत्र के निचले स्तर पर उत्तर-पश्चिमी हवा चलने की उम्मीद है। दक्षिण-पूर्व और निकटवर्ती मध्य बंगाल की खाड़ी पर केंद्रित एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव का क्षेत्र बना रह सकता है।