Kisan Andolan Update: दिल्ली की सर्द हवाओं में नहीं रुक रहा किसानों का बवाल, MSP गारंटी न मिली तो फिर बढ़ेगा विरोध का तूफान!

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Priyanka Singh

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की सर्द हवाओं के बीच किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) गरमाहट पकड़ रहा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)  पर खरीद की गारंटी समेत उनकी कई मांगों को लेकर सरकार से बातचीत बेनतीजा रही है।

चौथे दौर की वार्ता में केंद्र सरकार (मोदी सरकार) द्वारा पेश किए गए एमएसपी प्रस्ताव को भी संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने ठुकरा दिया है। सरकार द्वारा कथित तौर पर पांच साल के लिए एमएसपी पर अनुबंध का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन किसान नेताओं ने साफ कह दिया कि एमएसपी गारंटी से कम में वो कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।

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दो बड़े किसान संगठन कर रहे विरोध प्रदर्शन

दरअसल, पंजाब और हरियाणा की सीमा को बांटने वाले शंभू बॉर्डर पर मुख्य रूप से दो बड़े किसान संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पहला, जगजीत सिंह दलेवाल जैसे किसान नेता के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा और दूसरा, सर्बन सिंह पंधेर किसान मजदूर मोर्चा। फिलहाल, सरकार जिस संगठन से बातचीत कर रही है, वो अलग है।

सरकार और किसान संगठन दोनों ने रविवार को हुई चौथी दौर की वार्ता को सकारात्मक बताया है। इस मामले को सुलझाने में सबसे बड़ा रोड़ा एमएसपी पर कानून बनाने का मामला है, लेकिन हल निकालने की कोशिश में सरकार ने किसानों को एक प्रस्ताव दिया है।

प्रस्ताव के अनुसार, सरकार पांच सालों तक मक्का, तुअर, अरहर, उड़द और कपास की फसलों को एमएसपी पर खरीदेगी। एनसीसीएफ और नाफेड जैसी सहकारी समितियां किसानों के साथ समझौता करेंगी। खरीद पर कोई सीमा नहीं होगी और जल्द ही एक पोर्टल तैयार किया जाएगा।

किसानों की मांग: C2+50% के आधार पर सभी फसलों पर गारंटी

किसान मोर्चा का कहना है कि स्वामीनाथन आयोग ने 2006 में अपनी रिपोर्ट में केंद्र सरकार को C2+50% के आधार पर एमएसपी देने का सुझाव दिया था। बयान में कहा गया है कि इसी आधार पर किसान सभी फसलों पर एमएसपी की गारंटी चाहते हैं। इससे किसान अपनी फसलों को तयशुदा दाम पर बेच सकेंगे और उन्हें घाटा नहीं उठाना पड़ेगा।

बढ़ सकता है विरोध का दायरा

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का नाम पिछले साल हुए लखीमपुर खीरी मामले में आया था। मीडिया ने शंभू बॉर्डर पर बैठे किसान आंदोलनकारियों से सरकार के इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया ली। मोटे तौर पर किसानों में सरकार के इस प्रस्ताव को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं है।

उनका कहना है कि सरकार केवल पांच फसलों पर ही नहीं, बल्कि सभी 23 फसलों पर ऐसी गारंटी दे। किसानों ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में दलहन और मक्का का उत्पादन न के बराबर है और वो लाल सुंडी रोग के चलते कपास की फसल भी नहीं बो रहे हैं, ऐसे में इस प्रस्ताव से उनका क्या फायदा?

आगे क्या?

सरकार किसानों को मनाने की पूरी कोशिश में है, लेकिन किसान नेताओं का साफ कहना है कि वो एमएसपी गारंटी के बिना पीछे नहीं हटेंगे। आने वाले समय में क्या रुख अपनाते हैं, किसान विरोध कितना तेज करते हैं, ये देखना होगा। फिलहाल, दिल्ली की हवाओं में किसानों के आंदोलन की गरमी कम होने का नाम नहीं ले रही है।

Priyanka Singh के बारे में
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Priyanka Singh 8 साल से मीडिया क्षेत्र से जुड़ी प्रियंका सिंह इस समय Timesbull.com को अपने कार्यों से योगदान दे रही हैं। जिसमें इन्होंने (क्राइम, देश-विदेश,शिक्षा,लाइफस्टाइल,मनोरंजन,गैजेट्स इत्यादि) बीट पर काम किया। इनके लेखनी को Timesbull.com पाठकों ने काफी पसंद भी किया। एक छोटे संस्थान से शुरुआत करने वाली प्रियंका सिंह अपने करियर में साल 2016 में राजस्थान पत्रिका से जुड़ी। इन्होंने 2 साल तक राजस्थान पत्रिका को अपनी सेवा प्रदान की। तत्पश्चात इनका सफर 2018 में इंडिया डॉट कॉम की तरफ बढ़ चला। यहां प्रियंका सिंह ने लेखनी के साथ - साथ वीडियो कार्य क्षेत्र में भी कार्य किया। फिर इनका सफर आगे बढ़ा 2021 की तरफ, जहां इन्होंने न्यूज 24 डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ काम शुरू किया। फिर प्रियंका सिंह Timesbull.com के साथ जुड़ी। प्रियंका ने हर बीट से जुड़े कंटेट पर काम किया है। Read More
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