नई दिल्ली- महाराष्ट्र का नाम आते ही सबसे पहले इन दोनों चर्चित शरद पवार और अजीत पवार की राजनीति आ जाती है। क्योंकि दोनों चाचा भतीजे में छिड़ी जंग राजनीति में सरगमिया झेल रही है। इसे लेकर अपनी अपनी दावेदारी करने वाले चाचा भतीजे की फैसले की घड़ी अब आ गई। अब इस तारीख को तय हो जाएगा की ncp किसकी है और चुनाव चिन्ह पर क्या होने वाला है।

बता दे कि चुनाव चिन्ह और एनसीपी पर दावा ठोकने के लिए अजीत पवार गुट और शरद पवार गुटों ने अपनी अपनी दावेदारी पेश की है। अब इसे लेकर 6 तारीख को सुनवाई होनी है।

शरद पवार और अजीत पवार के बीच चल रही तकरार का अब समाधान होने वाला है। महाराष्ट्र की जनता का पूरा ध्यान इस तरफ लगा हुआ है कि आखिरकार 6 अक्टूबर को होने जा रही सुनवाई में क्या चीज निकल कर सामने आयेगी। और क्या सीपी शरद पवार का होगी या फिर एनसीपी के मालिक का जीत पवार होंगे।

दोनों ही गुटों ने चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए निर्वाचन आयोग में अपना रूप किया था। जिसके बाद से सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों पक्षों के बारे में उचित विचार करने के बाद चुनाव आयोग निष्कर्ष तक पहुंचा है। अब N सीपी में दोनों प्रतिद्वंद्वी अच्छा है।इसे लेकर शरद पवार और दूसरे का नेतृत्व करने वाले अजीत पवार आमने-सामने इसलिए इस पूरे मामले में चुनाव चिन्ह आदेश 1968 के पारा 15 के तहत आयोग द्वारा निर्धारित करने की बहुत जरूरत अब आ गई है।

बता दे कि अजित पवार शरद कुमार की एनसीपी पार्टी छोड़कर उसी की एक अलग पार्टी बनाकर उसमें दावा करते नजर आ रहे हैं।

अभी से लेकर सबके नजरे 6 अक्टूबर पर टिकी हुई है। क्योंकि 6 अक्टूबर को निर्वाचन आयोग की तरफ से दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों को सुनवाई के लिए बुलाया गया।

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