नई दिल्ली- राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सियासत के बीच एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी की 61 सिम ऐसी है जो पूरी तरह से मजबूत कही जाती है लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में 61 सीटों पर 10 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किलें दिखाई दे रही है। कौन सी सीटों हैं कि पर करना पड़ सकता है चुनौती का सामना। आइए हम आपको बताते हैं।
25 नवंबर के मतदान को लेकर पूरी ताकत से भारतीय जनता पार्टी चुनावी मैदान में और अपने आप को जीता हुआ बता रही इस बीच हम आपको बता दे कि भारतीय जनता पार्टी के लिए कुछ ऐसी सिम जो कि परेशान कर सकती क्योंकि कई अपनी मजबूत सीटों पर अपने लोगों से ही भारतीय जनता पार्टी को सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि कई सीटों पर कांग्रेस का भी यही हाल होने वाला है।
कांग्रेस भी पूरी ताकत से चुनाव मैदान में नजर आ रही है। 124 उम्मीदवारों की लिस्ट में 24 सीटों ऐसी हैं। जिसमें भारतीय जनता पार्टी को अपने ही लोगों से कड़ा विरोध है इसमें 10 सीटों ऐसी है जो कि भारतीय जनता पार्टी का गढ़ कहीं जाती है। उन्हीं सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को अपनों से ही सामना करना पड़ रहा इसकी वजह यह है। कि जिन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से टिकट नहीं दिया गया वहीं अब भारतीय जनता पार्टी का विरोध कर रहे हैं।
यही हाल कांग्रेस का भी कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है। क्योंकि कुछ ऐसी सिम हैं जिस पर कांग्रेस ने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया लेकिन जिनको टिकट नहीं मिला है। वही प्रत्याशी कांग्रेस का भी विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं। हम आपको बता दे की चित्तौड़गढ़, झोटवाड़ा, सांगानेर, किशनगढ़,उदयपुर, राम संवत, सांचौर श्रीगंगानगर,बीकानेर पूर्व की विधानसभा बूंदी विधानसभा मालवीय नगर विधानसभा इन विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी को अपनों से ही सामना करना पड़ रहा है।
इन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी जिन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है वह 2013 के विधानसभा चुनाव में जीत कर आए थे कुछ 2018 के विधानसभा चुनाव में जीते थे लेकिन यहां से कुछ नए दावेदार जो युवा थे अब वही भारतीय जनता पार्टी को विरोध कर रहे हैं यानी की टिकट न मिलने से नाराज भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अब लगातार विरोध करने पर उतर आए है।
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता नेता लगातार इस चीज का प्रयास कर रहे हैं। कि जो नेता कार्यकर्ता नाराज है। उनको मना लिया जाए और 2023 का चुनाव सबको एक साथ लेकर लड़ा जाए लेकिन ऐसा होना मुश्किल दिखाई दे रहा है। अब देखने वाली बात होगी। किस तरीके से विधानसभा चुनाव की सियासत में क्या कुछ देखने को मिलता है। और कहां से किस पार्टी को जीत मिलती है।