नई दिल्ली। कानपुर में एक दिन में 25 लोगों के हार्ट स्ट्रोक एवं ब्रेन स्ट्रोक के चलते मौत की खबर सामने आई है। ऐसे में आपको बता दें कि इन ब्लड ग्रुप वालों को 60 के उम्र के पहले ही स्ट्रोक आने का खतरा बना हुआ रहता है। ऐसे में यह किसी को भी परेशान कर सकती है। यह सुनी सुनाई बात नहीं है, बल्कि साइंटिस्ट और एक्सपर्ट ने इसका प्रूफ निकाला है। साइंटिस्ट ने यह दावा किया है कि 60 साल से पहले इन ब्लड ग्रुप के लोगों पर स्ट्रोक का खतरा बना रहता है। मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के एक टीम ने न्यूरोलॉजी मैगजीन में एक आर्टिकल पब्लिश करवाया था। जिसमें उन्होंने यह दावा किया है कि इन ब्लड ग्रुप के लोगों को 60 साल से पहले स्ट्रोक का खतरा बना रहता है।
ओ पॉजिटिव की तुलना में दूसरे ब्लड ग्रुप को स्ट्रोक का खतरा ज्यादा रहता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के मेडिकल जनरल में पब्लिश हुए एक आर्टिकल के मुताबिक युवा लड़के को जब स्ट्रोक पड़ा था। तब उसके ब्लड ग्रुप के वेरिएंट पर रिसर्च किया गया था साथ ही लड़के के पूरे जेनेटिक हिस्ट्री के ऊपर भी मेरे सर्च कर डाटा तैयार किया गया था। जिसमें पता चला कि लड़के को इस्केमिक स्ट्रोक आया था। इस्केमिक स्ट्रोक तब आता है जब आपके ब्रेन में ब्लड फ्लो कम हो जाता है। ब्रेन में ब्लड ब्लॉकेज होने के कारण यह स्ट्रोक आता है।
बाल्टीमोर में यूनिवर्सिटी आफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिसर्च राइट ब्रेक स्टडी मिशेल ने यह कहा है कि ओ पॉजिटिव की तुलना में दूसरे ब्लड ग्रुप वाले को स्ट्रोक का खतरा ज्यादा रहता है। रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि ओ पॉजिटिव को छोड़कर बाकी ब्लड ग्रुप के लोगों को इस का खतरा ज्यादा रहता है। ब्रेक स्टडी मिशेल ने यह भी कहा है कि ब्लड ग्रुप ए और इनवेरिएंट के जेनेटिक जांच की गई थी। जिसमें यह पता लगाया गया है कि इन ब्लड ग्रुप वालों का स्ट्रोक का खतरा, ज्यादा रहता है।
नॉर्थ अमेरिका यूरोप एवं एशिया के जेनेटिक्स एवं इस्केमिक स्ट्रोक पर 48 से ज्यादा लोगों पर रिसर्च किया गया था जिन लोगों को स्ट्रोक हुआ था जिसमें से 5825 लोगों को शुरुआती स्ट्रोक एवं 9269 लोगों को देर से शुरू हुआ था। शुरुआत में स्ट्रोक को 60 साल से पहले होने वाले इस्केमिक स्ट्रोक के रूप में डिफाइन किया गया था और देर से शुरू होने वाले स्ट्रोक 60 वर्ष से अधिक पुराना था।