नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश में या पीएम ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक के विवाद के बीच एक ऐसा ही केस कानपुर देहात से सामने आया है। यहां एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि कर्ज लेकर उसने अपनी पत्नी को पढ़ाई कराई। इसके बाद जब नौकरी लग गई तो वह बदल गई है। अब वह तलाक मांग रही इस मामले में महिला का कहना है कि 1 साल की फीस ही भर दी है। कोई मकान नहीं बेच दिया है।
बता दें कि ज्योति मौर्य और उसके पति आलोक का मामला अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। लेकिन उसके बाद एक के बाद एक मामले निकल कर सामने आ रहे हैं यूपी के कानपुर देहात से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसने अपनी पत्नी को पढ़ाया लिखाया मेहनत की और लगन से उसे हर तरीके से आगे बढ़ाता रहा जब वह बन गई। तो अचानक बदल गई। आगे पति ने बताया मैंने उसकी पढ़ाई लिखाई और मेहनत लगन को देखकर उसे आगे बढ़ाने का फैसला किया था। कर्ज लेकर उसको नर्सिंग का कोर्स करवाया इसके बाद मेडिकल लाइन में उसे नौकरी मिल गई। अगर अब वह तलाक लेना चाहती है। तो क्या मैं गलत हूं। या फिर पढ़ाने वाला हर एक पति गलत है इसका जवाब मुझे कौन देगा।
दरअसल जिले के शिवाली कोतवाली के मैथा रविंद्र पुरम गांव निवासी अर्जुन सिंह की शादी 2017 में बस्ती जिले की रहने वाली सविता मौर्य के साथ हुई थी। अर्जुन का कहना है कि शादी के बाद पत्नी की पढ़ाई के प्रति लगन देखकर उसने आगे बढ़ाने का फैसला लिया था इसके बाद नर्सिंग की पढ़ाई कराई और बड़े मुश्किल से उसका दाखिला कानपुर नगर के एक बड़े कॉलेज में कराया था। लेकिन जैसे ही वह नर्सिंग की पढ़ाई कर मेडिकल लाइन में नौकरी मिली वह पूरी तरह से बदल गई और अब मुझसे तलाक मांग रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक पढ़ाई पूरी होने के बाद पत्नी की नौकरी दिल्ली में लग गई मगर कुछ समय बाद सविता को परिवार वालों ने कानपुर वापस बुला लिया। इसके बाद सविता की सरकारी विभाग में संविदा की नौकरी लग गई पति के मुताबिक नौकरी मिलने के दो-तीन महीने बाद पत्नी का रवैया बदलने लगा उसने अलग कमरा ले लिया और दूरी बनाने लगी।
पति अर्जुन का आरोप है कि उसकी पत्नी उससे कहती है कि वह काला है और नाता है पत्नी कहती है। कि मेरा स्टेटस भी उस से मेल नहीं खाता पति अर्जुन के मुताबिक अब सविता उसे तलाक चाहती है। पति के मुताबिक पत्नी की पढ़ाई के लिए उसने करीब 6 से 7 लाख रुपए का कर्जा लिया था। अब उस कर्जा को भी मजदूरी करके चुका रहा है।