नई दिल्ली। रंगों का त्योहार होली (Holi 2024) नजदीक आ गया है, लेकिन होली से पहले होलिका दहन (Holika Dahan Timing) का पर्व मनाया जाता है। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, होलिका दहन शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। इस साल होलिका दहन 24 मार्च, रविवार को मनाया जायेगा। आइए जानते हैं इस बार होलिका दहन का सही समय और पूजा विधि के बारे में।
भद्रा का साया कब खत्म होगा?
इस साल होलिका दहन के शुभ मुहूर्त का निर्धारण करने में भद्रा काल एक महत्वपूर्ण कारक है। ज्योतिषियों के अनुसार, भद्रा का साया 24 मार्च, रविवार रात 10:28 बजे समाप्त होगा। इसलिए, होलिका दहन करने का शुभ समय इसी के बाद शुरू होगा।
होलिका दहन 2024 का शुभ मुहूर्त
जैसा कि बताया गया है, होलिका दहन इस साल 24 मार्च को किया जाएगा। होलिका जलाने का शुभ मुहूर्त रात 11:13 बजे से शुरू होकर 12:27 बजे तक रहेगा. इस प्रकार, आपके पास होलिका दहन करने के लिए कुल 1 घंटा 14 मिनट का समय होगा।
होलिका दहन का मंत्र
रविवार के दिन होलिका जलाते समय “ॐ होलिकायै नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए।
होलिका दहन की पूजा विधि
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होलिका दहन के दिन शुभ मुहूर्त में होलिका के पास एक कलश स्थापित करें। इस कलश को दक्षिण दिशा में रखें और फिर पांच देवताओं की पूजा करें. इन पांच देवताओं में गणेश जी, मां दुर्गा, भद्रा काल, भैरव जी और इंद्रदेव शामिल हैं।
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अब मंत्र का जाप करते हुए होलिका की पूजा करें. इस दौरान भक्तों को प्रह्लाद और भगवान हिरण्यकश्यप की भी पूजा करनी चाहिए. इसके बाद, होलिका की 7 बार प्रदक्षिणा करें और प्रदक्षिणा के दौरान ही उस पर कच्चा सूत लपेट दें।
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इसके बाद होलिका को नारियल, जल और अन्य पूजा सामग्री अर्पित करें। अब होलिका को जलाएं. ऐसा माना जाता है कि होलिका की अग्नि में भुनी हुई गेहूं की बालियां खाने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है।