नई दिल्लीः महाराष्ट्र में इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, क्योंकि मराठा वर्ग के लोग सरकार से आरक्षण की मांग कर रहे हैं। आरक्षण की मांग अब हिंसा मं तब्दील होती जा रही है, जिससे हालात बद से बदतर होते दिख रहे हैं। इतना ही नहीं मराठा आरक्षण की मांग के बीच कुछ हिसंत तत्व माहौल खराब करते दिख रहे हैं, जिनपर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया।
मराठा सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। सरकार तंत्र की ओर से वैसे आंदोलनकारियों को आश्वासन भी दे रखा है, लेकिन फिर भी हालात खराब हैं। लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में मराठायों की नाराजगी कहीं सरकार को भारी ना पड़ जाए, इसलिए कदम फूंक फूंक कर रख रही है। हिंसा के पीछे क्या हैं और क्यों कट रहा बवाल यह हम आपको बारीकि से बताने जा रहे हैं।
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जानिए हिंसा के पीछे की क्या वजह
महाराष्ट्र में बिगड़ते हालात के बीच प्रशासन भी काफी सख्त दिख रहा है, लेकिन फिर भी प्रदर्शनकारी मांग पर अड़े हुए हैं। दरअसल, 29 अगस्त 2023 को मराठा लोग नौकरी और शिक्षा में आरक्षण के लिए जलाना जिले के अंतराली सारथी गांव पहु्ंचे थे, जहां बैठक भी की थी। इसके साथ ही मराठा मोर्चा के संयोजक मनोज जारांगे भूख यहां भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला किया।
जारांगे की हालत बिगड़ने लगी तो पुलिस ने उनको भूख हड़ताल खत्म कर अस्पताल में भर्ती होने के लिए मजबूर कर दिया, जिसके बाद लोग नाराज हो गए और प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने हालात इतने खराब कर दिए कि भीड़ को भगाने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। इतना ही आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया।
जानिए क्या है लड़ाई
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की लड़ाई लंबे समय से चल रही है, जो नौकरी और शिक्षा में आरक्षण मांग रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया। राज्य सरकार तो मराठाओं को फिर से आरक्षण देने पर विचार लगातार कर रही है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की लक्ष्मण रेखा खींची हैं उसे पार करना मुश्किल है।