Chanakya Niti: हम अक्सर ग्रंथों और पुराणों में कई कहानियां और किस्से सुनते और पढ़ते रहते हैं। लेकिन अक्सर हम उन्हें अमल नहीं करते है और यह हमारी सबसे बड़ी गलती होती है। बढ़ते इस जबाने में उस ग्रंथ और पुरानी बातों को लेकर चलना काफी मुश्किल भी हो जाता है। लेकिन हम भूल जाते हैं हम कितने भी मॉडर्न हो जाएं, लेकिन कुछ कहानियां कुछ कायदे कानून नियम कितने भी पुरानी हो जाए लेकिन उनका असर अवश्य होता है।
आचार्य चाणक्य को आज कौन नहीं जानता वह नीति शास्त्र में कई ऐसे गुण और नीतियां बताइए जो आम लोगों की जीवन को सुधारने में काफी भूमिका निभाती है। वहीं, उनकी नीति ऐसी है जो समाज में सबका भला करने में उपयोगी साबित होती है। फिर वह बच्चे बूढ़े या युवा कोई भी हो उनके लिए या नीति काम आती है। जिस पर अमल कर आदमी अपनी जीवन को बिखरने से बचा सकता है और अपनी जीवन की नैया पटरी पर ला सकता है।
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अचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्यनीति पुस्तक के प्रथम अध्याय की चुनावी इस लोक में लिखा है कि एक बुद्धिमान व्यक्ति को श्रेष्ठ कुल सौंदर्य ही कन्या से विवाह कर ले परंतु अपने से नीच कुल की कन्या से विवाह करना केवल उनके लिए ही नहीं उनके पूरे परिवार के लिए एक संकट का कारण बन जाता है। चाणक्य का कहना है शादी विवाह के लिए लोग अक्सर सुंदर कन्या के कारण अपनी कुल राशि और जात पात का ध्यान नहीं रखते हैं। उन्हें केवल सुंदर कन्या से ही मतलब होता है, परंतु वह भूल जाते हैं की एक श्रेष्ठ कुल के व्यक्ति को अक्सर श्रेष्ठ कुल के ही कन्या से ही विवाह करना चाहिए।
प्रथम अध्याय के 16 श्लोक में लिखते हैं कि अगर कभी नीच कुल के व्यक्ति को भरपूर ज्ञान और विद्या का ज्ञान हो तो उससे ज्ञान और विद्या सीखने में कोई आपत्ति नहीं है। उनसे विद्या ग्रहण करने में आपका कोई अनहित नहीं होगा बल्कि ज्ञान और विद्या ऐसी चीज है, जिसे जहां से भी जितना भी सीखा जाए कम है। तो इसके लिए कुल कैसा भी हो अच्छे और अच्छी विद्या सीखने का अवसर जब भी मिले तो उसे सीखना चाहिए।