Car Insurance Tips: भारत में कार चलाने के लिए बीमा पॉलिसी का होना जरूरी है। कार, बाइक आदि का बीमा कराने के कई फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर वाहन को कोई नुकसान होता है तो बीमा कंपनी उस नुकसान की भरपाई करती है। वाहन के क्षतिग्रस्त होने या चोरी हो जाने पर बीमा कंपनी उसकी पूरी कीमत भी चुकाती है। लेकिन ये पैसे आपको कब मिलेंगे? यह जानना आपके लिए जरूरी है ताकि कार
जब आप किसी कार के लिए बीमा पॉलिसी खरीदते हैं तो उसके लिए कुछ नियम होते हैं। जब हम बीमा क्लेम करते हैं तो नियमानुसार मुआवजा दिया जाता है। इसलिए इन नियमों को ध्यान से पढ़ना और समझना जरूरी है।
मान लीजिए कि कार दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि बीमा कंपनी पूरी राशि का भुगतान करेगी। फुल कवरेज पाने के लिए कई चीजों की जांच की जाती है, तभी कंपनी आपको वाहन के क्षतिग्रस्त होने या चोरी होने के बदले पैसे देती है।
नुकसान की पूरी रकम कब मिलेगी?
अगर आप कार खराब होने पर पूरा पैसा चाहते हैं तो गाड़ी का पूरा नुकसान होना जरूरी है। कुल हानि का सीधा सा अर्थ है वाहन खोना। यह एक ऐसी स्थिति है जब आप अपना वाहन वापस नहीं पा सकेंगे। यदि वाहन की क्षति बीमाकृत घोषित मूल्य (आईडीवी) से अधिक है, तो बीमा कंपनी पूरी राशि का भुगतान करेगी।
बीमित घोषित मूल्य (आईडीवी) वाहन का बाजार मूल्य है। यह वह अधिकतम राशि है जो कार चोरी होने या पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में बीमा कंपनी आपको देती है। आम तौर पर, यदि वाहन इतना क्षतिग्रस्त है कि उसकी मरम्मत में आईडीवी के 75 प्रतिशत के बराबर खर्च होगा, तो इसे वाहन का कुल नुकसान माना जाएगा। ऐसा होने पर बीमा कंपनी आईडीवी के अनुसार पूरी राशि का भुगतान करती है।
आरटीओ को देनी होगी जानकारी
अगर कार चोरी हो जाए तो भी आपको बीमा कवर की पूरी रकम मिलती है। ध्यान रखें कि अगर वाहन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है तो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द करना जरूरी है।
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत, वाहन के कुल नुकसान के 14 दिनों के भीतर यह जानकारी संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) को देनी होगी। आपके आवेदन पर कार्रवाई करते समय आरटीओ वाहन का पंजीकरण रद्द कर देगा, ताकि इसका दुरुपयोग न हो।