Bihar Caste Census Survey: बिहार सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आज यानी 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन जाति आधारित गणना के आंकड़ों को सार्वजनिक कर दिया है। जनगणना से पता चला कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) राज्य की आबादी का 63 प्रतिशत है। जनगणना से यह सामने आ गया है कि किस जाति और धर्म में कितनी आबादी है। जनगणना के मुताबिक, 13 करोड़ की आबादी में अनुसूचित जाति के आकड़े 19 प्रतिशत से अधिक है, जबकि अनुसूचित जनजाति की संख्या 1.68 प्रतिशत ही है।
ये रही बिहार में जाति आधारित की सर्वे रिपोर्ट:-
सर्वेक्षण के विस्तृत विवरण से पता चलता है कि पिछड़ा वर्ग आबादी का 27 प्रतिशत है, जबकि ईबीसी 36 प्रतिशत है। जहां बिहार में एक तरफ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का समुदाय 14 फीसदी पर है, वहीं भूमिहारों की आबादी 2.86 प्रतिशत है। कुर्मी की बात करें तो इनकी आबादी 2.87 फीसदी है। वहीं ब्राह्मणों की संख्या 3.66 प्रतिशत है। मुसहर 3 प्रतिशत हैं। जबकि, राजपूत की आबादी 3.45 प्रतिशत है।
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विभिन्न धर्मों से जुड़े आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं:
इसके साथ ही बिहार में विभिन्न धर्मों से जुड़े आंकड़े भी सार्वजनिक कर दिया गया है। बिहार सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में 81.99% हिन्दू, 17.70% मुसलमान, 0.05% ईसाई, 08% बौद्ध धर्म, 0.011% सिख और 0016% कोई धर्म नहीं है।
बिहार के सीएम नितेश कुमार ने ट्वीट करके लिखा – आज 2 अक्टूबर गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई ! जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी एवं दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है। जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।