एंटी टेरर कोर्ट (ATC) पाकिस्तान में एक्टिव हो चुका है। लाहौर पुलिस ने 16 अपराधियों की पहली किश्त एंटी टेरर कोर्ट (ओऊण) को सौंप दी है। सत्रहवाँ नाम इमरान खान का हो सकता है। जी हाँ, यह बात हम नहीं बल्कि पाकिस्तान की मीडिया कह रही है। पाकिस्तानी पंजाब के डीजीपी ने इस बात की पुष्टि भी कर दी है कि 9 मई को हुई हिंसा और कोर कमाण्डर हाउस में आगज़नी की वारदात में इमरान खान फ़ोन के ज़रिए शामिल थे। लाहौर पुलिस ने जियो-फेंसिंग का हवाला देते हुए कहा है कि इमरान खान और उनके करीबी सहयोगियों ने कथित तौर पर लाहौर कोर कमांडर के आवास और अन्य इमारतों पर हुए हमलों का को-ऑर्डिनेशन किया था। इसलिए माना जा रहा है कि एटीसी इमरान खान को तलब कर सकती है।
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पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़, पाकिस्तानी पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. उस्मान अनवर ने जियो–फेंसिंग रिकॉर्ड और कोर कमांडर के आवास पर हमले की योजना बनाने के लिए इमरान खान के आवास के उपयोग की पुष्टि की है। पाकिस्तानी पुलिस अधिकारियों कहा है कि जियो–फेंसिंग रिकॉर्ड के विश्लेषण से कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। यह भी खुलासा किया है कि इमरान खान ने पार्टी नेताओं और दंगाइयों को हमले के लिए उकसाने के लिए कथित तौर पर 154 कॉल किए गए थे। उन्होंने कहा कि इमरान उन प्रमुख संदिग्धों में से एक हैं थे जिन्होंने जिन्ना हाउस पर हमले की योजना बनाई थी। इसलिए इमरान खान को ATC के सामने पेश होने से कोई नहीं बचा सकता। यहाँ तक कि इस बार सुप्रीम कोर्ट भी इमरान खान को नहीं बचा पाएगा।
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पुलिस अफ़सरों का कहना है कि कॉल रिकॉर्ड से पता चला है कि सभी फोन कॉल 8 मई और 9 मई को किए गए थे। इन फ़ोन कॉल्स में जिन्ना हाउस पर हमला करने के लिए तैयार करने के लिए कहा गया था। इमरान खान की गिरफ्तारी के दिन कुल 225 कॉल किए थे उनके अलावा पीटीआई के छह अन्य नेता भी दंगाइयों के संपर्क में थे। इसलिए अब यह तय माना जा रहा है कि इमरान खान के सभी मुक़दमे ATC को ट्रांसफ़र किए जा रहे हैं। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि पर्दे के पीछे कुछ बातचीत भी चल रही थी, जिसमें इमरान खान को देश छोड़कर जाने की इजाज़त थी। लेकिन इमरान खान अपने ही जाल में ऐसे फँस गए हैं कि वो न तो पाकिस्तान में रह सकते हैं और न पाकिस्तान छोड़कर भाग सकते हैं क्यों कि ATC की मांग पर सरकार ने इमरान खान और उनकी तीसरी पत्नी बुशरा बीबी का नाम नो फ़्लाई लिस्ट में डाल दिया है। अब कुल मिलाकर इमरान के सामने ATC के सामने पेश होने और आर्मी ट्रायल फ़ेस करने के सिवाय दूसरा रास्ता नहीं बचा है।
ATC को सौंपे जाने से पहले इमरान खान ने पाकिस्तान के कई प्रांतों में अनुच्छेद 245 लागू किये जाने को लेकर सरकार के खिलाफ एक याचिका दायर कर इसे अघोषित मार्शल लॉ करार दिया है। पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 245 के अनुसार, देश की सुरक्षा करने में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सेना बुलाई जा सकती है। इमरान खान ने न्यायालय में याचिका दायर कर पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और इस्लामाबाद में अनुच्छेद 245 लागू किये जाने को चुनौती दी है तथा इसे अघोषित मार्शल लॉ करार दिया हैं। इतना ही नहीं इमरान खान ने कहा कि सेना अधिनियम, 1952 के तहत नागरिकों की गिरफ्तारियां, जांच और मुकदमे असंवैधानिक व अमान्य हैं तथा कोई कानूनी प्रभाव नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि ये संविधान, कानून का शासन और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को अस्वीकार करने के समान है। खबरें यह भी मिली हैं कि इमरान खान ने अमेरिका और सऊदी अरब में बैठे अपने खास लोगों से शरण देने की भी बात शुरू कर है।