नई दिल्ली: भारत की अंतरिक्ष संस्था इसरो इन दिनों दुनियाभर में नए-नए कीर्तिमान रच रहा है, जिससे हर किसी के चेहरे पर काफी रौनक दिख रही है। इसरों की ओर से कुछ दिन पहले चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग कर दुनियाभर को चौंका दिया था, जिसकी तारीफ में लोग कसीदे पढ़ रहे हैं। दूसरी ओर इसरो का सूर्ययान भी अब अपने सफर पर काफी आगे बढ़ गया है।
सूर्य मिशन एल1 मिशन धरती और सूरज के बीच मौजूद लैरेंज प्वाइंट 1 की तरफ बढ़ चुका है, जिसका ट्रांस लैरेंजियन प्वाइंट 1 इसर्शन किया जा चुका है। भारतवासियों के लिए खुशी की खबर यह है कि एक तरफ जहां आदित्य एल 1 अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर चंद्रयान 3 को अब जगाने का वक्त वापस पास आ रहा है।
चांदी पर अब दिन हो गया है, जिसके लैंडर और रोवर काम करना शुरू कर देंगे, जिससे किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी।
चंद्रयान 3 में आई इतनी लागत
चंद्रयान-3 मिशन को पूरा करने में करीब 634 करोड़ रुपये की लागत लगी है। इसके साथ ही भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर 23 अगस्त को अपने तय समय पर यानी शाम 6:04 बजे चंद्रमा पर लैंड करे इतिहास रच गया गया। इसमें सबसे खास बात कि चंद्रयान 3 की लैंडिंग चांद के दक्षिणी ध्रुव पर हुई।
इतना ही नहीं चांद पर सफल लैंडिंग करने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन गया। इतना ही नहीं दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला भारत प्रथम देश बन गया है, जो हर किसी का दिल जीतने क लिए काफी है। जानकारी के लिए बता दें कि भारत की अंतरिक्ष संस्था इसरो का रुतबा दुनियाभर में फैलता जा रहा है, जहां नए-नए मिशन पर काम कर रहा है। इसरो का मकसद भारत की मजबूत पकड़ बनाना है। भारत का चंद्रयान 3 मिशन चांद पर नए-नए इतिहास रच रहा है, जो अद्भुत तस्वीरें भेज हर किसी के लिए मिसाल बना है।