नई दिल्ली- स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मायावती जी मेरी नेता रखना मैं उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा। उन्होंने कहा कि मेरी भावना किसी को आहत करने की नहीं मैं उनको सावधान करना चाहता हूं। जो लोग हर मस्जिद में मंदिर खोज रहे हैं।
बता दें कि समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराए जाने के बाद बयान दिया था कि मस्जिद के नीचे मंदिर था तो उससे पहले क्या था इसकी भी जांच होनी चाहिए उन्होंने दावा किया कि बौद्ध मठों को तोड़कर बन मंदिर बनाए गए इस पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव में समुदाय के बीच दरार बढ़ाने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य ऐसे बयान दे रहे हैं। इस पर अब मौर्य ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मायावती मेरी नेता रखी मैं उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा उन्होंने कहा मेरी भावना किसी को आहत करने की नहीं मैं उनको सावधान करना चाहता हूं। जो लोग हर मस्जिद में मंदिर खोज रहे हैं। मंदिर में बौद्ध मठ खोजने वालों के पास सबूत है। मैं कहता हूं आपसी सौहार्द को पैदा कीजिए आपसी लड़ाई में ना उलझे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने बद्रीनाथ समेत कई मंदिरों को बनाने के लिए बौद्ध मठों को तोड़ने को लेकर कई दस्तावेज पेश किए। उन्होंने कहा कि रामेश्वर मंदिर का भी बौद्ध मंदिर को तोड़कर बनाया गया। मैंने बयान दिया था। कि भारतीय जनता पार्टी हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई को तोड़ने का काम कर रही है। सभी धर्मों का सम्मान करना सभी की आस्था का सम्मान करते हुए भाईचारा स्थापित करना चाहिए। भारतीय संविधान भी यही कहता है।
आगे उन्होंने कहा कि सातवीं सदी के अंदर बद्रीनाथ बौद्ध मठ था। उसके बाद आदि शंकराचार्य ने उसको परिवर्तित कर बद्रीनाथ हिंदू तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित किया था। इस पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री ने भी तीखी टिप्पणी की थी। और कहा था। कि मौर्य जी ने अपनी भावनाओं को ठेस पहुंचाई मैं मुख्यमंत्री जी से यही कहना चाहूंगा कि आपको सभी की आस्था का सम्मान करना चाहिए।
भारतीय संविधान के अनुसार सभी धर्मों का सम्मान करते हुए मैंने यह बयान दिया है। इस पर चिंतन करें और इस को समझें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से मैं कहना चाहता हूं कि उनकी आस्था आस्था है। पर बाकी लोगों की आस्था क्या है। वह भावना और आस्था की बात करने की जगह तार्किक बात कर रहे हैं।
सफाई मिलती ने आगे कहा मेरी मांग कोई नहीं मैं इतना कहना चाहता हूं। कि 15 अगस्त 1947 को सभी लोग डेडलाइन माने देश में शांति रहने दे अयोध्या के बाद अब देश में नया विवाद ना खड़ा करें स्वामी विवेकानंद ने कहा कि जगन्नाथ पुराना बौद्ध मंदिर है दयानंद सरस्वती ने कहा कि जैन मठ और जैन मंदिर भी तोड़े गए। दयानंद सरस्वती ने कहा कि शंकराचार्य ने जैन मठ और जैन मंदिर धुर्वा और हिंदू मंदिर बनवाए।