नई दिल्ली: क्रिकेट में ओपनिंग बल्लेबाज की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि टीम की शुरुआत अक्सर इन बल्लेबाजों पर निर्भर होती है। अगर हम वर्ल्ड क्रिकेट के खतरनाक ओपनिंग बल्लेबाजों की बात करें, तो उसमें टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा और पूर्व दिग्गज वीरेंद्र सहवाग का नाम जरूर आता है। दोनों ही बल्लेबाजों ने अपनी आक्रामक बैटिंग से न सिर्फ मैच जीतने में अहम भूमिका निभाई, बल्कि कई क्रिकेट रिकॉर्ड भी अपने नाम किए। तो आइए, जानते हैं कि रोहित शर्मा और वीरेंद्र सहवाग ने अपने 251-251 वनडे मैचों के बाद क्या रिकॉर्ड दर्ज किए थे।
रोहित शर्मा ने अपनी बल्लेबाजी से वनडे क्रिकेट में जो रिकॉर्ड बनाए हैं, वे सचमुच काबिल-ए-तारीफ हैं। रोहित शर्मा का 251 वनडे मैचों के बाद कुल रन 10112 थे, जो कि 48.85 के औसत से थे। इसके अलावा, उन्होंने 30 शतक और 52 अर्धशतक लगाए थे। यानी कि लगभग हर तीसरे मैच में उनका बल्ला रन उगलता था। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 264 रन था, जो आज भी वनडे क्रिकेट में एक रिकॉर्ड है।
वीरेंद्र सहवाग, जिनके बारे में कहा जाता है कि वह सिर्फ एक मिनट में मैच का रुख बदल सकते हैं, ने भी 251 वनडे मैचों के बाद अपने शानदार रिकॉर्ड बनाए। सहवाग ने 8273 रन बनाए थे, जो 35.06 के औसत से थे। इसके अलावा उन्होंने 15 शतक और 38 अर्धशतक लगाए थे। सहवाग का सबसे बड़ा योगदान उनकी आक्रामक बैटिंग में था, जिसमें उन्होंने खेल के किसी भी पल में विरोधी गेंदबाजों को पिटाई करने की कला में माहिर थे।
आक्रामक बल्लेबाजी का सबसे बड़ा संकेत छक्कों से मिलता है, और अगर हम दोनों बल्लेबाजों के छक्कों की तुलना करें, तो रोहित शर्मा का रिकॉर्ड बहुत ही शानदार है। रोहित शर्मा ने 251 वनडे मैचों के बाद कुल 292 छक्के लगाए थे, जो कि सहवाग के 136 छक्कों से कहीं ज्यादा थे। इस आंकड़े से यह साफ हो जाता है कि रोहित ने लंबे समय तक अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से मैदान पर राज किया।
जहां तक चौकों की बात है, वीरेंद्र सहवाग ने 251 वनडे मैचों में कुल 1132 चौके लगाए थे, जो कि रोहित शर्मा के 928 चौकों से ज्यादा थे। सहवाग का स्ट्राइक रेट भी 104.34 था, जो कि उनका आक्रामक अंदाज दर्शाता है। वहीं, रोहित का स्ट्राइक रेट 90.52 था, जो उनके खेलने के तरीके को दर्शाता है।
रोहित शर्मा और वीरेंद्र सहवाग दोनों ने अपने समय में भारतीय क्रिकेट को गर्वित किया है। सहवाग अपनी आक्रामक बैटिंग के लिए प्रसिद्ध थे, वहीं रोहित शर्मा ने लगातार रन बनाने की क्षमता को साबित किया है। दोनों के रिकॉर्ड अलग-अलग थे, लेकिन उनका योगदान भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद रहेगा।