ITR Filing 2025. देश में आइटीआर फाइलिंग (ITR Filing 2025) का काम शुरू हो चुका है, और आयकर दाता अपने-अपने टैक्स रिटर्न दाखिल कर रहे हैं। इस बार आईटीआर दाखिल करने का डेट आयकर विभाग की ओर बढ़ा दी गई है। जो नई डेट 15 सितंबर 2025 तक है। आप इस समय सीमा से पहले इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं या फिर पहली बार टैक्स रिटर्न करना चाहते हैं। तो आपके बिना देर करते हुए अपनी फाइल रिटर्न कर सकते हैं।

अगर आपने टैक्स रिटर्न कर दिया है या फिर करने वाले हैं। तो आपके लिए बहुत ही जरूरी बात बता रहे हैं। जो आइटीआर रिफंड को लेकर है। लोग ऐसी कई गलतियां करते हैं। जिससे रिफंड अटक जाता है और यह लंबा समय लग जाता है।

दरअसल आपके आइटीआर को आयकर विभाग जांच करता है। इसके बाद विभाग की ओर से लोगों के रिटर्न का अप्रूवल देता है। हालांकि कई बार रिफंड तय समय से ज्यादा लग जाता है। ऐसे में आपको रिफंड महीनों तक अटक जाता है।

10 दिन में होगा रिफंड जारी

मोदी सरकार के द्वारा बताया गया है, कि नई टेक्नोलॉजी से टैक्स रिटर्न करने में लगातार सहूलित प्रदान की जा रही है। और रिफंड जहां 2013-14 में 93 दिन लगते थे। जो अब ये समय सिर्फ 10 दिन रह गया है। सरकार ने आगे बताया कि हर आईटीआई के रिफंड करने की प्रक्रिया 10 दिन में नहीं होता है। जिससे यह 10 दिन का समय एक औसतन समय नहीं है क्योंकि हर आईटीआर की रुपरेखा अलग होती है। जिससे कोई कोई गारंटी नहीं है कि आपका रिफंड 10 दिन के भीतर मिल जाएगा।

कभी-कभी टैक्स विभाग रिटर्न फाइल करने के बाद 20 दिन में रिफंड देना शुरू कर देता है। हालांकि कई बार में लोगों के आईटीआर दाखिल गलतियां से जल्द रिफंड नहीं मिल पाता है। जिससे रिफंड पाने के लिए आपको दर-दर भटकना पड़ेता है।

ये हैं रिफंड अटकने की वजह

जब भी कोई आईटीआर दाखिल करता हैं, तो यहां पर कई जरुर बातों को ध्यान में रखना होता है, तभी जब किसी का रिफंड बनाता है। तो समय से बैंक खाते में क्रेडिट हो जाता है। हालांकि लोगों के खुद गलतिंयों के वजह से रिफंड जारी होने का समय लग जाता है, जिसमें ये मिस्टेक हो सकती है।

ITR का ई-वेरिफाई- रिफंड पाने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न ही फाइल करने के बाद में ई-वेरिफाई भी कराना होता है। जब तक आप ITR उसे ई-वेरिफाई नहीं करेंगे, आपका रिटर्न प्रोसेस नहीं होगा।
ई-मेल का जवाब न देना- आयकर विभाग की ओर से भेजे गए ई-मेल का जवाब न देने से रिंफड अटक जाता है।
गलत खाता और IFSC कोड- अगर आप का गलत खाता दर्ज है, तो यहां पर देरी हो सकती है।
PAN आधार की लिंकिंग- आयकर दाता ने के कभी-कभी PAN आधार की लिंकिंग नहीं होती है।