RBI Update: RBI ने आमजन को दी बड़ी खुशखबरी! अब सेविंग अकाउंट में रख सकते है इतने रुपए

RBI Update: आप जानते ही होंगे कि बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी है। इसके लिए कई तरह के […]

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RBI Update: आप जानते ही होंगे कि बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी है। इसके लिए कई तरह के नियम पहले से ही लागू हैं, लेकिन अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इन नियमों में बदलाव करते हुए नए नियम बनाए हैं। मिनिमम बैलेंस न रखने से ग्राहकों को आर्थिक नुकसान भी होता है। RBI की ओर से बैंकों द्वारा इन नए नियमों को लागू करने के निर्देश भी दिए गए हैं। खबर में विस्तार से जानिए इन नियमों के लागू होने से ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा।

RBI की ओर से लागू किए गए हैं ये नियम-

देश भर में कई बैंक हैं, जिनमें मिनिमम बैलेंस की सीमा तय की गई है। ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्थित बैंकों में यह सीमा अलग-अलग है। अब RBI ने इसे लेकर नए नियम तय किए हैं। RBI के मुताबिक अगर कोई खाता दो साल तक निष्क्रिय रहता है यानी बंद हो जाता है और उसमें मिनिमम बैलेंस नहीं है तो बैंक की ओर से कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। नियमों के मुताबिक अगर किसी खाते से लगातार 2 साल तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता है तो वह खाता निष्क्रिय हो जाता है।

बैंक ग्राहक यहां कर सकते हैं शिकायत-

अगर कोई बैंक निष्क्रिय खाते पर भी न्यूनतम बैलेंस न रखने पर जुर्माना लगाता है तो ग्राहक बैंक से संपर्क कर अपनी बात रख सकता है और बैंक से जुर्माना लगाने का कारण पूछ सकता है। इसके अलावा खाताधारक बैंक के बोर्ड में शिकायत कर सकता है। अगर बैंक और बोर्ड दोनों स्तर पर आपकी शिकायत को नजरअंदाज किया जाता है तो आप आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर शिकायत निवारण पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर समाधान का अनुरोध कर सकते हैं।

छात्रवृत्ति खातों के बारे में

बचत खातों को लेकर अलग नियम हैं। ऐसे खातों के निष्क्रिय हो जाने के बाद भी यानी दो साल तक कोई लेनदेन न होने पर भी बैंकों को ब्याज देना होगा। इसके अलावा सरकारी योजना के खातों में जीरो बैलेंस होने पर भी उन्हें निष्क्रिय खातों की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। बैंक इन खातों पर न्यूनतम बैलेंस न रखने पर जुर्माना या शुल्क नहीं लगा सकते।

आरबीआई ने इस वजह से लागू किए नियम-

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों में अनक्लेम्ड अकाउंट और अनक्लेम्ड अमाउंट को कम करने के लिए ये नियम लागू किए हैं। आरबीआई के सर्कुलर के मुताबिक, इन निर्देशों के लागू होने के बाद अब देश की बैंकिंग प्रणाली में जमा ऐसी बिना दावे वाली रकम में कमी आ सकेगी। इतना ही नहीं, अब बिना दावे वाली जमाराशियों को सही मालिकों और दावेदारों को वापस किया जा सकेगा।

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