Railway Question: भारत में हर दिन लाखों लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं। चाहे लंबी दूरी की यात्रा हो या फिर रोजाना ऑफिस आना-जाना-रेलवे हर किसी की जिंदगी का हिस्सा है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि ट्रेन ड्राइवर द्वारा बजाई जाने वाली सीटी (हॉर्न) का भी एक खास मतलब होता है। यह सिर्फ एक आवाज नहीं बल्कि रेलवे के लिए एक कोड लैंग्वेज है, जो ड्राइवर, गार्ड और ट्रैक स्टाफ के बीच इशारों के जरिए संवाद करती है।

हॉर्न सिर्फ एक आवाज नहीं, यह सुरक्षा का संकेत है

ट्रेन का हॉर्न सिर्फ लोगों को रास्ते से हटाने के लिए नहीं बजाया जाता। दरअसल, रेलवे के हर हॉर्न की एक खास भाषा होती है। जिसका इस्तेमाल ट्रेन ड्राइवर अपने साथियों और गार्ड से संवाद करने के लिए करता है। हॉर्न की लंबाई और संख्या तय करती है कि ट्रेन को क्या चाहिए, या आगे क्या खतरा है।

जानिए हर हॉर्न का क्या मतलब होता है

रेलवे में हॉर्न बजाने के कुछ तय कोड होते हैं। आइए इन्हें एक-एक करके समझते हैं:

जब ड्राइवर छोटी सीटी बजाता है, तो इसका मतलब होता है कि ट्रेन को किसी दूसरे इंजन की जरूरत नहीं है। यह सामान्य स्थिति है। जब ट्रेन अपनी तय गति और शक्ति से चल रही हो।

एक छोटी और एक लंबी सीटी

इस सिग्नल का मतलब है कि ट्रेन को अतिरिक्त मदद की ज़रूरत है, और उसे पीछे लगे इंजन की मदद की ज़रूरत है। यह तब बजाया जाता है जब ट्रेन बहुत भारी होती है या रास्ता ऊपर की ओर होता है।

दो छोटी सीटी

जब ट्रेन स्टेशन पर खड़ी होती है और ड्राइवर दो छोटी सीटी बजाता है, तो इसका मतलब है कि वह गार्ड से ट्रेन चलाने की अनुमति मांग रहा है। यह यात्रियों के लिए एक संकेत है कि ट्रेन अब रवाना होने वाली है।

तीन छोटी सीटी

तीन बार छोटी सीटी बजाने का मतलब है कि ड्राइवर गार्ड को ब्रेक लगाने का निर्देश दे रहा है। यह आपातकालीन या विशेष परिस्थितियों में होता है। जब ट्रेन को तुरंत रोकना ज़रूरी हो।

चार छोटी सीटी

चार छोटी सीटी का मतलब है कि ट्रैक पर कोई रुकावट है या रास्ता साफ़ नहीं है। ड्राइवर गार्ड से सहयोग मांगता है ताकि रास्ते की स्थिति साफ़ हो सके।

एक लंबी और एक छोटी सीटी

इस हॉर्न का मतलब है कि ट्रेन मुख्य लाइन पर जाने के लिए तैयार है। ड्राइवर गार्ड को ब्रेक छोड़ने का संकेत देता है।