नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अब 10 साल या उससे अधिक उम्र के नाबालिगों को स्वतंत्र रूप से अपना बैंक खाता खोलने और संचालित करने की अनुमति दे दी है। इससे पहले नाबालिगों के बैंक खाते माता-पिता या कानूनी अभिभावक संचालित करते थे। सोमवार को केंद्रीय बैंक ने यह बड़ा ऐलान करते हुए एक सर्कुलर जारी किया जिसमें कहा गया कि ’10 साल या उससे अधिक उम्र के नाबालिगों को स्वतंत्र रूप से बचत/सावधि जमा खाते खोलने और संचालित करने की अनुमति दी जा सकती है।

शर्तें तय कर सकते हैं

पीटीआई के मुताबिक, आरबीआई ने कहा है कि ऐसे नाबालिगों को उनके परिवार के सदस्यों या कानूनी अभिभावकों के जरिए खाते खोलने और संचालित करने की अनुमति दी जा सकती है। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि सभी बैंक अपनी जोखिम प्रबंधन नीति के आधार पर नाबालिगों के खातों को अतिरिक्त बैंकिंग सुविधाएं दे सकते हैं। सर्कुलर के मुताबिक, बैंक नाबालिग खाताधारकों को इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम/डेबिट कार्ड, चेक बुक समेत अन्य जरूरी सुविधाएं देने के लिए स्वतंत्र हैं।

इस संबंध में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, अब किसी भी उम्र का नाबालिग अपने नाम से बचत या सावधि जमा खाता खोल सकता है। 10 साल से कम उम्र के नाबालिगों को भी अपनी मां को अभिभावक बनाकर ऐसे बैंक खाते खोलने की अनुमति होगी। वहीं, 10 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चों को अपने खाते स्वतंत्र रूप से संचालित करने की अनुमति दी जा सकती है, हालांकि संबंधित बैंक अपनी नीतियों के अनुसार सीमा और शर्तें तय कर सकते हैं।

सैंपल सिग्नेचर मांगेगा

नाबालिग खाताधारकों को इनके बारे में स्पष्ट रूप से बताया भी जाना चाहिए। इसके अलावा जब नाबालिग 18 साल का हो जाएगा तो बैंक उससे नए ऑपरेटिंग दिशा-निर्देश और सैंपल सिग्नेचर मांगेगा। ऐसे में अगर अकाउंट का प्रबंधन अभिभावक कर रहे हैं तो बैंक बैलेंस वेरिफाई करेगा। आरबीआई के मुताबिक इन बदलावों (RBI Rule Change) का मकसद माता-पिता के मार्गदर्शन में बच्चों में वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नाबालिगों और 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए बैंक खाते खोलने और संचालन के लिए अपने दिशानिर्देशों में किए गए संशोधनों के संबंध में, बैंकों को सलाह दी गई है कि वे अपनी मौजूदा नीतियों को 1 जुलाई 2025 तक संशोधित मानदंडों के अनुरूप बना लें। यानी तब तक मौजूदा नियम जारी रह सकते हैं।

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