ITR Filing 2025. देश में इन दिनोंदेश में इन दिनों इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया जारी है। जिससे सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2024–25 (असेसमेंट ईयर 2025–26) के लिए 15 सितंबर 2025 तक रखी है। हालांकि लोगों को अपने आईटीआर दाखिल करने में कई परेशानी आ रही है। जिससे नए नियम की जानकारी नहीं होती है, जिससे गलती होने के चांस बने रहे है। हम आप को कुछ जरुरी बात बता रहे है।

जिसमें से टैक्सपेयर्स को बड़ी समास्या पुराने टैक्स सिस्टम को चुनें या डिफॉल्ट बने नए टैक्स सिस्टम में ही रिटर्न फाइल  करने की होती है। हालांकि यह चुनना आप के लिए बेहतर तभी होगी जब इसमें सभी लाभ जान लेगें। आप को बता दें कि नया टैक्स सिस्टम 2020 में लॉन्च किया गया था। इस टैक्स स्लैब कम हैं, लेकिन ज्यादातर छूट और कटौतियां नहीं मिलतीं। जिससे पुराना सिस्टम सिर्फ उन टैक्सपेयर्स के लिए सही हो सकता है, जो 80C, HRA या 80D जैसी कटौतियों का लाभ लेना चाहते हैं।

सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए आईटीआर फॉर्म

अगर आप सैलरीड टैक्सपेयर्स है, तो यहां पर आईटीआर फॉर्म सेलेक्ट करने में कोई गलती मत करना है, आप को बड़ी समास्या हो सकती है। अगर आप ITR-1 या ITR-2 के तहत अपना टैक्स फाइल करते हैं, वे हर साल टैक्स सिस्टम बदल सकते हैं। जिससे यहां पर ITR फॉर्म में उन्हें पूछा जाएगा क्या आप सेक्शन 115BAC(6) के तहत नए टैक्स सिस्टम से बाहर आना चाहते हैं या नहीं है। जिसे सेलेक्ट करने पर फॉर्म आगे बढ़ जाएगा।

बिजनेस टैक्सपेयर्स के लिए आईटीआर फॉर्म

अगर आप बिजनेस टैक्सपेयर्स है, तो यहां पर आईटीआर फॉर्म ITR-3 या ITR-4 के तहत बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम दिखा रहा है। जिससे कोई पुराने सिस्टम में केवल एक बार सेलेक्ट कर सकता है। क्योंकि नियम के अनुसार यहां पर अगर एक बार नए सिस्टम में चुन लिया है, तो बारा पुराने सिस्टम में जाना संभव नहीं होगा। ऐसे में सिर्फ सैलरीड टैक्सपेयर्स को यह ऑप्सन मिलता है।

हालांकि अगर कोई टैक्सपेयर फॉर्म में टैक्स सिस्टम  खुद से सेलेक्ट नहीं करता है, चो आयकर दाता की टैक्स लायबिलिटी नए डिफॉल्ट सिस्टम के हिसाब से ही कैलकुलेट की जाएगी।