नई दिल्ली: भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरी टेस्ट जीत कर सीरीज को 1-1 से बराबरी पर ला दिया है। अब पांच मैचों की इस सीरीज का तीसरा मुकाबला लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर होने वाला है, जो दोनों टीमों के लिए बेहद अहम साबित होगा। इस बीच टीम इंडिया की इस जीत से एक खिलाड़ी की उम्मीदें भी जिंदा हुई हैं, जो फिलहाल खराब फॉर्म की वजह से दबे हुए थे। हम बात कर रहे हैं करुण नायर की, जिनका प्रदर्शन पिछले दो मैचों में निराशाजनक रहा है, लेकिन इस जीत के पीछे उनकी नाकामी कुछ हद तक छिप गई है।
करुण नायर की वापसी और निराशा
करुण नायर की टीम इंडिया में वापसी लगभग आठ साल बाद हुई है। वे तब चर्चा में आए थे जब इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने तिहरा शतक लगाकर सभी को हैरान कर दिया था। उस दौर में उन्हें कई मौके मिले, लेकिन वे उस परफॉर्मेंस को दोहरा नहीं पाए और टीम से बाहर हो गए। हालांकि, घरेलू क्रिकेट में नायर ने लगातार रन बनाए और पिछले दो सालों में शानदार पारियां खेलीं। यही वजह रही कि टीम इंडिया के नए कप्तान शुभमन गिल ने उन्हें सीरीज के पहले मैच में मौका दिया। लेकिन चार पारियों में करुण नायर ने सिर्फ 77 रन बनाए हैं, जिससे उनकी फॉर्म पर सवाल खड़े हो गए हैं।
करुण नायर के आँकड़े
लीड्स टेस्ट की पहली पारी में करुण नायर शून्य पर आउट हो गए।
उसी मैच की दूसरी पारी में उन्होंने 20 रन बनाए।
बर्मिंघम टेस्ट की पहली पारी में 31 रन।
दूसरी पारी में 26 रन।
मिलाकर चार पारियों में केवल 77 रन, जो उनके अनुभव और क्षमता के हिसाब से बहुत कम हैं।
करुण नायर को मिलेगा या नहीं अगला मौका?
इंग्लैंड की फ्लैट पिचों पर जब कई भारतीय बल्लेबाज लगातार शतक लगा रहे हैं, करुण नायर का अर्धशतक भी ना बन पाना उनके लिए चिंता का विषय है। लेकिन टीम की जीत ने उनके लिए मुश्किलों को थोड़ा कम किया है। अब सीरीज बराबर होने के बाद संभावना है कि उन्हें तीसरे टेस्ट में एक मौका और मिल सकता है। लेकिन अगर उन्होंने भी अपने प्रदर्शन में सुधार नहीं किया, तो चौथे टेस्ट में जगह पाना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि कई युवा और अनुभवी बल्लेबाज उनकी जगह लेने को तैयार बैठे हैं।
करुण नायर के लिए यह समय चुनौती भरा है। अगर वे जल्द अपनी लय वापस ला पाए, तो भारतीय टीम को एक भरोसेमंद बल्लेबाज मिलेगा। वरना भारतीय क्रिकेट में कॉम्पिटिशन इतना तेज है कि कोई भी खिलाड़ी मौका गंवा सकता है।
