RBI ने लोन EMI को लेकर बदले नियम! ग्राहकों को मिलेगा बड़ा फायदा, जानें पूरी खबर 

RBI Update: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने EMI नियमों में बदलाव किया है, जिससे कर्जदारों को राहत मिलेगी। अब बैंक […]

RBI did such a thing, people may be shocked after reading, information given in press conference

RBI Update: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने EMI नियमों में बदलाव किया है, जिससे कर्जदारों को राहत मिलेगी। अब बैंक EMI बाउंस होने पर सिर्फ पेनाल्टी लगा सकते हैं, उस पर ब्याज नहीं जोड़ सकते। इससे बैंकों की मनमानी रुकेगी और लाखों कर्जदारों का बोझ कम होगा।

बैंक के मुताबिक, पेनाल्टी ब्याज (पेनाल्टी APR) का इस्तेमाल बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों द्वारा मुनाफा बढ़ाने के तौर पर किया जाता रहा है। इससे कर्जदारों को परेशानी हो रही थी। अब RBI ने इसके लिए नियम अपडेट कर दिए हैं, तो बैंक और NBFC EMI भुगतान में चूक करने वाले कर्जदारों पर पेनाल्टी तो लगा सकेंगे, लेकिन उनसे ब्याज नहीं वसूलेंगे।

पेनाल्टी ब्याज पर RBI का रुख-

RBI ने बैंकों और NBFC द्वारा “पेनाल्टी ब्याज” के अत्यधिक इस्तेमाल पर चिंता जताई है। नए नियमों के तहत बैंक अब EMI डिफॉल्ट पर सिर्फ “उचित” पेनाल्टी चार्ज ही वसूल सकते हैं। ग्राहकों को अनुचित चार्ज से बचाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

आरबीआई ने जारी की अधिसूचना-

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी “उचित ऋण व्यवहार – ऋण खातों पर दंडात्मक शुल्क” अधिसूचना में कहा गया है कि बैंकों और अन्य ऋण देने वाली संस्थाओं को 1 तारीख से दंडात्मक ब्याज वसूलने की अनुमति नहीं होगी।

बैंक मनमानी नहीं करेंगे-

रिजर्व बैंक ने आगे कहा है कि दंडात्मक शुल्क उचित होना चाहिए। विशेष प्रकार के ऋण या उत्पादों को कोई वरीयता नहीं दी जानी चाहिए।

– अधिसूचना के अनुसार, दंडात्मक शुल्क को पूंजीकृत नहीं किया जाएगा। ऐसे शुल्कों पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लगाया जाएगा।

– हालांकि, केंद्रीय बैंक के नए ईएमआई दिशानिर्देश क्रेडिट कार्ड भुगतान, बाहरी वाणिज्यिक ऋण, व्यावसायिक ऋण आदि पर लागू नहीं होंगे।

– ऋण के संबंध में उधारकर्ताओं में अनुशासन की भावना पैदा करने के लिए, केंद्रीय बैंक ने कहा कि दंडात्मक ब्याज/शुल्क लगाया जाना चाहिए। बैंकों को इसे अपनी आय बढ़ाने के साधन के रूप में उपयोग नहीं करना चाहिए।

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