टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में लगे हुए हैं। हालांकि इस दौरान टैक्सपेयर्स को एक बात परेशान करती है कि वे पुराना टैक्स रिजीम चुनें या नए टैक्स सिस्टम को चुनें। नया टैक्स सिस्टम 2020 को लाया गया था। इसमें टैक्स स्लैब कम होता है, लेकिन डिडक्शन नहीं दी जाती है। ऐसे में पुरानी टैक्स रिजीम टैक्सपेयर्स के लिए अच्छी है, जिसमें 80C, HRA या 80D जैसे डिडक्शन का लाभ मिलता है।

सैलरीड टैक्सपेयर्स हर साल बदल सकते हैं टैक्स सिस्टम

जो टैक्सपेयर्स  ITR-1 या ITR-2 के तहत भरते हैं वो हर साल टैक्स सिस्टम को बदल सकते हैं। ITR फॉर्म में पुछा जाता है कि आप सेक्शन 115BAC(6) के अंतर्गत नए टैक्स सिस्टम से निकलना चाहते हैं। इसमें ‘Yes’ जवाब देने पर पुराने सिस्टम में पहुंच जाएंगे। वहीं  ‘No’ को चुनेंगे तो नए टैक्स सिस्टम में ही रहेंगे।

बिजनेस टैक्सपेयर्स के पास क्या हैं अधिकार

जो टैक्सपेयर्स ITR-3 या ITR-4 अंतर्गत बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम दिखाते हैं तो वो पुराने सिस्टम को एक बार ही चुन सकते हैं। एक बार नए सिस्टम में आने के बाद फिर से पुराने टैक्स सिस्टम में नहीं जा सकेंगे

टैक्सपेयर्स को Form 10-IEA भरना होगा, जिसे ITR से पहले और 15 सितंबर 2025 तक फाइल करना जरूरी होता है। इस फॉर्म को incometax.gov.in पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन भर सकते हैं।

कैसे भरें फॉर्म 10-IEA?

  1. पैन (PAN) के द्वारा incometax.gov.in पोर्टल पर लॉग इन करना होगा।
  2. इसके बाद e-File > Income Tax Forms > File Income Tax Forms पर जाना होगा।
  3. Form 10-IEA को खोजें और ‘File Now’ पर क्लिक करें।
  4. Assessment Year 2025–26 का चुनाव करें।
  5. अपने इनकम टाइप (बिजनेस/प्रोफेशन) और बदलाव देखें।
  6. सारी जानकरी चेक करें और Aadhaar OTP, EVC या DSC से सबमिट कर दें।
  7. जैसे ही सबमिट करेंगे वैसे ही एक acknowledgement number और transaction ID मिल जाएगी।