अभी टैक्सपेयर्स तेजी से अपना आईटीआर (ITR) भर रहे हैं। वहीं जो ITR भर चुके हैं उन्हें रिफंड का इंतजार है। हालांकि कहा जा रहा है कि इस बार रिफंड देरी से मिले। इसके पीछे इनकम टैक्स विभाग के पोर्टल पर ITR फॉर्म की रिलीज में और बैकएंड सिस्टम अपग्रेड होने देरी होना खास कारण है। वहीं  ITR-2 और ITR-3 फॉर्म अभी  इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर लाइव नहीं किया गया है। यात्री जो टैक्सपेयर्स इन फॉर्म को फाइल करने वाले हैं। उनके लिए रिफंड में देरी हो सकती है।

जो लोग ITR-1 के लिए लिए योग्य नहीं हैं उनके लिए और HUF यानि हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली को लेकर ITR-2 फॉर्म है। इन लोगों की इनकम बिजनेस या प्रोफेशन में प्रॉफिट्स या गेंस के अंतर्गत होती है। वहीं TR-3 फॉर्म इस तरह के व्यक्ति और HUF के लिए है, जिनकी इनकम बिजनेस या प्रोफेशन में प्रॉफिट्स या गेंस अंतर्गत आती है।

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एक्सपर्टकी राय

AKM ग्लोबल में पार्टनर-टैक्स संदीप सहगल ने कहा कि रिफंड में देरी फॉर्म में बदलाव और बैकएंड सिस्टम में अपग्रेड की वजह से हो रही है। उन्होंने कहा कि ITR-2 और ITR-3 फॉर्म के जारी होने में देरी और पब्लिश डेटा की कमी की वजह से इस साल रिफंड के प्रोसेस में देरी हो रही है।

टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 15 सितंबर बढ़ी

इस साल इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख को 15 सितंबर कर दिया गया है। वहीं जिन टैक्सपेयर्स की तरफ से अपने ऊपर बनने टैक्स का 110 फीसदी से ज्यादा का पेमेंट कर दिया है उन्हें 0.5 फीसदी महीने के हिसाब ब्याज मिलेगा। पर जिन्होंने 100 फीसदी और 110 फीसदी के बीच भुगतान किया है, उन्हें कोई ब्याज नहीं मिलेगा। बता दें कि टैक्सपेयर्स को रिफंड से मिलने वाले ब्याज को अन्य स्रोतों से आय माना जाता है और इसपर टैक्स लगता है।

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टैक्सपेयर्स को रखना होगा ध्यान

एक्सपर्ट का कहना है कि टैक्सपेयर्स को ITR-2 और ITR-3 फॉर्म के रिलीज होने पर ध्यान दें। जैसे ही फॉर्म आते हैं वैसे रिटर्न फाइल कर दें। सही समय पर ई-वेरिफिकेशन करें और सभी जानकारी ठीक से भरें।