नई दिल्ली: 5G Speed of Internet: मोबाइल सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनियों की तरफ से 5G स्पीड को लेकर बड़े-बड़े दावे किये जाते हैं। लेकिन हकीकत में इनके दावों की सच्चाई कुछ और ही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक खबर साउथ कोरिया (South Korea) से आई जहां 5g स्पीड को लेकर दावा करना भारी पड़ गया। जिसके चलते साउथ कोरिया की तीन कंपनियों पर 33.6 बिलियन वोन यानी करीब 209 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया है।
5G स्पीड को लेकर कंपनी ने किया गलत दावा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साउथ कोरिया के एंट्रीट्रस्ट रेगुलेटर ने कहा कि कंपनी ने तीन मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर पर जुर्माना लगाया है। क्योंकि इन कंपनियों की तरफ से 5G की स्पीड को लेकर एक विज्ञापन को जारी किया गया था, जिसमें गलत 5G स्पीड का दावा करने के आरोप लगाए गए हैं। यह जुर्माना एसके टेलीकॉम, केटी कॉरपोरेशन और एलजी प्लस कंपनियों पर लगाया गया है। फेयर ट्रेड कमीशन (FTC) के मुताबिक यूप्लस ने अपनी 5G नेटवर्क सर्विस को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। वॉचडॉग ने बताया कि इन तीन मोबाइल कंपनियों ने ग्राहकों को धोखा देकर अपनी सर्विस की स्पीड पर गलत इन्फॉर्मेशन दी है।
वहीं SK Telecom और KT कंपनी के विज्ञापन में दावा किया गया कि उनके 5G नेटवर्क से उनके यूजर्स 2GB तक वाली मूवी को 0.8 सेकेंड में ही डाउलनोड कर देख सकते हैं। तो वही इसके अलावा LG Uplus ने 2.5GB मूवी डाउनलोड करने में एक सेकंड समय लगने का दावा किया है। लेकिन जब इसकी जांच हुई तो असलियत में ऐसा कुछ भी नहीं हो पाया ।
फॉक्सवैगन पर लगा था इनसे ज्यादा जुर्माना
इन तीनों कंपनियों की औसत 5G डाउनलोडिंग स्पीड 656 और 801 एमबीपीएस के बीच रही, जो कि 20gbps से भी कम है। आपको बता दें कि अब तक का दूसरा सबसे बड़ा जुर्माना है। इससे पहले साल 2017 में कार में गलत उत्सर्जन मानक की जानकारी देने पर फॉक्सवैगन पर 33.7 बिलियन वोन यानी करीब 210 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था।