नई दिल्ली : आजकल बॉलीवुड (Bollywood) की फिल्मों में बोल्ड सीन और किसिंग सीन होना आम बात है। इसी बारे में कई बार बॉलीवुड की कई अभिनेत्रियों ने खुलासा किया है कि इस तरह के सीन के दौरान उन्हें मेंटल ट्रॉमा से गुजरना पड़ता था। एक तरफ उन्हें सेट पर पूरी तरह से मेल क्रू मेंबर होने की वजह से और भी असहज होना पड़ता था।
वहीं दूसरी तरफ कई बार उनके सह कलाकार इस बात का फायदा उठा कर अपनी सीमाएं लांग जाते थे। हालांकि पिछले कुछ समय से पश्चिम की तरह भारत में भी इस तरह के सीन को परफॉर्म करने के लिए इस तरह के डायरेक्टर हायर किए जा रहे हैं। इन्हें इंटिमेसी कोआर्डिनेटर (Intimate Coordinator) आ जाता है। यह कोऑर्डिनेटर इंटिमेट सीन के दौरान कलाकारों की असहजता और हिजक को कम करते हैं।
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लोगों के बीच इंटिमेट कोऑर्डिनेटर का शब्द अभी भी नया है। यह शब्द उसी समय सबसे ज्यादा चर्चा में आया था। जिस समय बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) की फिल्म गहराईयां आई थी। फिल्मी के अंदर दीपिका पादुकोण ने काफी जमकर बोल्ड अवतार इख़्तियार किया था। उनके इन सभी सीन के पीछे इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर का हाथ था।
इंटीमेसी कोऑर्डिनेटर फिल्म यूनिट का ही एक हिस्सा होते हैं, जो मूल रूप से एक्टर, परफॉर्मर, डायरेक्टर और प्रोडयूसर के बीच की बातचीत क्लियर करवाते हैं। इंटीमेट या सेंसेटिव सीन को सही तरीके से करवाने की जिम्मेदारी इन्ही को होती हैं। इसमें एक्टर और एक्ट्रेस की रजामंदी का ध्यान भी रखा जाता हैं। इंटीमेसी को-ऑर्डिनेशन हॉलीवुड में आम है।
इंटीमेट कोऑर्डिनेटर आस्था बताती हैं कि भारत में सबसे पहले मस्तराम नाम का एक शो शुरू हुआ था, जिसके लिए एक इंटीमेसी कोऑर्डिनेटर को कनाडा से लाया गया था। भारत में वह पहली बार था जब किसी प्रॉडक्शन हाउस द्वारा इंटीमेसी को-ऑर्डिनेटर को अड्रेस करते हुए उसे क्रेडिट दिया गया था। आने वाले समय में बॉलीवुड की कई फिल्मों में यह शब्द सुना जा सकता है।