STATE BANK OF INDIA: भारत के सबसे बड़े बैंकों में शुमार एसबीआई में अगर आपका अकाउंट ओपन है तो फिर यह खबर किसी बड़े झटके की तरह है. बैंक की तरफ से खाताधारकों के लिए आए दिन नए-नए नियमों को बनाया जाता रहता है. जिन नियमों को जानकर आप भी बंपर फायदा प्राप्त कर सकते हैं. अब बैंक की तरफ से चुनिंदा अवधियों पर अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड कर्ज की दरों में 10 आधार यानी 0.10 फीसदी तक की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है.

इस फैसले के बाद अब लोन ऑटो व पर्सनल लोन सहित अन्य कर्ज काफी महंगे हो जाएंगे, जिससे हर किसी की जेब का बजट बिगड़ जाएगा. इसके साथ ही लोगों को अब ईएमआई ज्यादा चुकाने की जरूर होगी. बढ़ी हुई नई दरें आज यानी 15 जुलाई से लागू कर दी गई हैं. एसबीआई ने यह बढ़ोतरी छमाही, सालाना और दो वर्ष की अवधि के लिए एमसीएलआर दरों में 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी करने की घोषणा की है. इसमें अब 8.75 फीसदी, 8.85 फीसदी और 8.95 फीसदी का इजाफा कर दिया है. इसके साथ ही तीन साल के एमसीएलआर को 5 आधार अंक बढ़ाकर 9 फीसदी करने का फैसला लिया गया है.

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फटाफट जानिए क्या होता है एमसीएलआर?

आपको सबसे पहले एमसीएलआर के बारे में जानना होगा, जिससे आपका सब कंफ्यूजन खत्म होगा. एमसीएलआर का मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट के नाम से जानते हैं. यह वह न्यूनतम उधार दर है जिसके नीचे बैंक किसी को उधार नहीं देने का काम करते हैं.

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MCLR का सीधा प्रभाव आपके पर्सनल और ऑटो लोन की ईएमआई पर रहता है. MCLR की दरें बढ़ने से अब नया लोन काफी महंगा हो जाएगा. साथ ही आपकी मौजूदा लोन की ईएमआई भी काफी बढ़ जाएगी, जिससे किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी. इसके साथ ही एसबीआई एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स (ईबीएलआर) में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है.

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इसे 9.15 फीसदी निर्धारित कर दिया गया है. इसके साथ ही सभी होम लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स से जुड़े रहते हैं. एसबीआई होम लोन की ब्याज दरों में 8.50 फीसदी से 9.65 फीसदी के बीच रहती है. यह सिविल स्कोर के आधार पर अलग-अलग रहती है.

रेपोरेट की दरों में नहीं हुआ कोई बदलाव

सभी बैंकों का स्वामित्व रखने वाले आरबीआई ने रेपोरेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. आरबीआई ने फरवरी 2023 से इसे 6.5 फीसदी बनाए रखने का फैसला लिया है. इसके साथ ही 8वीं बार केंद्रीय बैंक ने इसे स्थिर रखने का फैसला नहीं लिया है. आरबीआई मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया था. जिसका बड़े स्तर पर असर देखने को मिलेगा.

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