नई दिल्ली: मौजूदा आयकर कानूनों की बात करें तो, खाता खोलने के पांच साल के भीतर ईपीएफ निकासी पर टीडीएस काटा जा रहा है। यदि ईपीएफओ के पास पैन भी मौजूद है, तो निकासी राशि 50,000 रुपये से भी ज्यादा होती है उसपर 10 फीसदी की दर से टीडीएस काटने की सुविधा मिल रही है। हालांकि, इसके रिफंड वाला दावा भी आसानी के साथ किया जा सकता है।
अगर आप कर्मचारी भविष्य निधि की तरफ से पैसा निकालने जा रहे हैं। तो राहत आपको आसानी के साथ मिल सकती है। अगर आप बिना पैन कार्ड के ईपीएफ से रकम निकालना भी काफी आसान हो गया है। तो अब इस पर 20 फीसदी तक टैक्स भी लगने जा रहा है।
जो पहले 30 फीसदी पर पहुंच गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बजट को लेकर इसका एलान कर दिया गया है। कर्मचारियों की भविष्य निधि की बात करें तो निकासी पर काटे गए कर में यह कमी उन लोगों को सहायता देने जा रही है जिनका पैन ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के रिकॉर्ड में अपडेट नहीं किया गया है।
खाता खोलने के पांच साल के अंदर ईपीएफ निकासी को लेकर टीडीएस कटने की होती है प्रक्रिया
मौजूदा आयकर कानूनों के मुताबिक देखा जाए तो खाता खोलने के पांच साल को लेकर इसके भीतर ईपीएफ निकासी पर टीडीएस काटने को लेकर फायदा हो जाता है। यदि ईपीएफओ के पास पैन उपलब्ध हो गया है तो निकासी राशि 50,000 रुपये से अधिक हो जाने के साथ 10 फीसदी की दर से टीडीएस काटा जाना अहम माना जा रहा है। हालांकि, इसके रिफंड का दावा आप की तरफ से करना अहम होता है।
बजट 2023 के मुताबिक देखा जाए तो, कम वेतन पाने वाले कई कर्मचारियों के पास अगर पैसे की कमी है तो और इस तरह धारा 192ए के तहत उनके मामलों में अधिकतम दर को लेकर टीडीएस काटे जा रहा है। पैन देने में विफल हो जाता है तो इस स्थिति के दौरान 10 फीसदी कम टीडीएस कम हो जाता है।
पांच साल से पहले निकाला जाता है टीडीएस
5 साल की अवधि पूरी हो जाती है तो इसके पहले अगर ईपीएफ से 50 हजार रुपये से कम निकासी करने जा रहे हैं तो टीडीएस नहीं काटा जा रहा है। लेकिन 5 साल की अवधि पूरी होने के पहले देखा जाए तो 50 हजार रुपये से ज्यादा रकम निकाल रहे हैं तो टीडीएस कट जाता है। अगर कोई नौकरी बदलने जा रहा है और पुराने ईपीएफ को जारी रखने जा रहा है, तब भी निकासी पर टीडीएस नहीं काटा जाता है, बशर्ते 5 साल और 50,000 रुपये वाली शर्त को लेकर पूरी की जा रही है।