नई दिल्ली: Liquor Tax: शराब एक ऐसी चीज है, जिसका सेवन कम नहीं बल्कि बढ़ता जा रहा है। आज के समय शराब पीने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है। यही नहीं मौजूदा समय में एक से एक महंगी शराब बाजार में उपलब्ध हैं। आज हम आपको यहां बताने वाले हैं कि राज्य सरकार 1000 रुपये की शराब पर कितना टैक्स वसूलती है? आपको जानकर हैरानी होगी कि कर्नाटक सरकार की आय का लगभग 15 फीसदी हिस्सा शराब की बिक्री से होती है। ऐसे ही दिल्ली, हरियाणा, यूपी और तेलंगाना में भी लगभग 10 फीसदी कमाई शराब की बिक्री से होती है।
केरल में लगता है 250 फीसदी टैक्स
सबसे पहले केरल की बात करें तो केरल में शराब की जबरदस्त बिक्री होती है और सरकार द्वारा बहुत ज्यादा टैक्स वसूला जाता है। केरल सरकार करीब 250 फीसदी टैक्स वसूलती है। ऐसे ही तमिलनाडु शराब से बंपर कमाई करती है। यहां विदेशी शराब पर वैट, उत्पाद शुल्क और एक विशेष शुल्क लगाया जाता है।
1000 रुपये पर कितना टैक्स?
अब टैक्स की बात करें तो मान लीजिए आपने 1000 रुपये की शराब खरीदी तो इसपर 35 से 50 फीसदी या इससे भी ज्यादा टैक्स लगता है। एक तरह से देखें तो अगर आपने 1000 रुपये की शराब की बोतल खरीदी है तो करीब 350 से 500 रुपये दुकानदार या शराब बनाने वाली कंपनी को नहीं मिलते हैं बल्कि सरकार मिलते हैं .यानी सरकार के राजस्व में जमा होते हैं। ऐसे टैक्स के कारण राज्य सरकारों की अरबों में कमाई होती है।
यहां जानिए शराब पर टैक्स की दरें
भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शराब पर अलग-अलग टैक्स लगाया जाता है। वैसे कुछ राज्यों में शराब पर प्रतिबंध लगा है। जैसे- गुजरात सरकार ने 1961 से ही शराब के सेवन पर प्रतिबंध लगा रखा है, पर फिर भी विशेष लाइसेंस से बाहर के लोग शराब खरीद सकते हैं। इसी तरह पुडुचेरी सरकार के पास शराब से तगड़ी कमाई होती है। वहीं पंजाब सरकार की तरफ से पिछले साल उत्पाद शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया था। हालांकि वहां बिक्री कोटा भी बढ़ा दिया गया था। अब सरकार अंदाजा लगा रही है कि अगले फाइनेंशियल ईयर में करीब 7 हजार करोड़ रुपये का राजस्व शराब से आना चाहिए।