Sukanya Samriddhi Yojana: सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) सरकार द्वारा बालिकाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए शुरू की गई एक छोटी बचत योजना है। इसकी शुरुआत 22 जनवरी 2015 को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत हुई थी। इस योजना का उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा और शादी के खर्चों के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। यहां, हम इस योजना के प्रमुख पहलुओं और हाल के समाचारों को विस्तार से जानेंगे।
योग्यता
– इस योजना का लाभ उठाने के लिए, बालिका का खाता उसकी जन्म तिथि से दस साल के भीतर खोला जाना चाहिए।
– एक परिवार केवल दो बालिकाओं के लिए खाते खोल सकता है, विशेष परिस्थितियों में तीन बालिकाओं के लिए भी यह संभव है।
जमा राशि
– खाता खोलने के लिए न्यूनतम जमा राशि ₹250 है।
– एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम जमा राशि ₹1.5 लाख है।
– जमा राशि मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक रूप से जमा की जा सकती है।
ब्याज दर
– यह योजना एक आकर्षक ब्याज दर प्रदान करती है, जो सरकारी निर्णय के आधार पर समय-समय पर बदलती रहती है। वर्तमान में, यह दर 7.6% प्रति वर्ष है (2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए)।
परिपक्वता
– खाता खोलने की तिथि से 21 वर्षों के लिए परिपक्व होता है या बालिका के 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर उसकी शादी होने पर।
– बालिका के 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर, वह अपने शिक्षा खर्चों के लिए 50% तक की निकासी कर सकती है।
कर लाभ
– इस योजना के तहत निवेश की गई राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर छूट प्राप्त होती है।
– योजना की परिपक्वता पर प्राप्त राशि और ब्याज भी कर-मुक्त है।
ब्याज दरों में बदलाव
हाल के वर्षों में, सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दरें आर्थिक परिस्थितियों के आधार पर संशोधित की जाती रही हैं। वित्त मंत्रालय ने हाल ही में इस योजना की ब्याज दर को 7.6% बनाए रखने का निर्णय लिया है, जिससे यह योजना अब भी निवेशकों के लिए आकर्षक बनी हुई है।
डिजिटल खाता खोलना
सरकार ने डिजिटल इंडिया अभियान के तहत, सुकन्या समृद्धि योजना के खातों को ऑनलाइन खोलने और प्रबंधित करने की सुविधा को प्रोत्साहित किया है। इससे विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी आसानी से इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के साथ समन्वय
सुकन्या समृद्धि योजना को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के साथ जोड़कर चलाया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य सरकारें भी कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रही हैं, जिससे बालिकाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा सके।
नए नियम और शर्तें
सरकार ने समय-समय पर योजना में कुछ नए नियम और शर्तें जोड़ी हैं। उदाहरण के लिए, अगर किसी वर्ष में न्यूनतम राशि जमा नहीं की जाती है, तो खाता निष्क्रिय हो जाएगा। इसे पुनः सक्रिय करने के लिए एक निश्चित शुल्क और बकाया राशि का भुगतान करना होगा।
योजना का प्रभाव
बालिकाओं की शिक्षा में सुधारइस योजना ने लाखों बालिकाओं की शिक्षा को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अभिभावक अब अपनी बेटियों की शिक्षा के लिए चिंता मुक्त हो गए हैं और उन्हें उच्च शिक्षा दिलाने में समर्थ हो रहे हैं।
आर्थिक सुरक्षा
बालिकाओं के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से, यह योजना अभिभावकों को उनकी बालिकाओं के भविष्य के खर्चों के लिए वित्तीय योजना बनाने में मदद करती है।
समाज में जागरूकता
इस योजना ने समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया है। अभिभावक अब बेटियों को बोझ मानने की बजाय, उन्हें संपत्ति मानकर उनके भविष्य के लिए योजना बना रहे हैं।
निष्कर्ष
सुकन्या समृद्धि योजना बालिकाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक उत्कृष्ट सरकारी पहल है। इस योजना ने न केवल बालिकाओं की शिक्षा और शादी के खर्चों को सुरक्षित करने में मदद की है, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति दृष्टिकोण में भी सकारात्मक परिवर्तन लाया है। सरकार द्वारा योजना में किए गए समय-समय पर संशोधनों और अपडेट्स ने इसे और भी प्रभावी और आकर्षक बना दिया है।
आशा है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी और आप अपने परिवार की बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इस योजना का लाभ उठाएंगे।