नई दिल्ली EPFO UPDATE: कई बार देखा जाता है कि कंपनियों की आर्थिक हालत खराब हो जाती है। ऐसे में कुछ कंपनियां पैसा बचाने के लिए कर्मचारियों के ईपीएफ खाते में हर महीने दिए जाने वाला कंट्रीब्यूशन रोक लेती है। इस स्थिति से निपटाने के लिए ईपीएफ को चलाने वाली संस्था ईपीएफओ की तरफ से कुछ नियम लागू किए गए हैं। चलिए इसके बारे में हम रिपोर्ट में बताने वाले हैं।
अगर आप ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स हैं तो EPFO की जारी गाइडलाइन के अनुसार, हर नियोक्ता को 15 तारीख तक कर्मचारियों के EPF खाते में दिया जाने वाला कंट्रीब्यूशन जमा करना होता है।
इसे भी पढ़ें- शहडोल में PM मोदी बोले-जिसकी खुद की गारंटी नहीं,वो कांग्रेस गारंटी दे रही है,10 प्वाइंट में जानिए पीएम मोदी का भाषण
क्या होगा जब कंपनी ईपीएफ में कंट्रीब्यूशन में देरी करती है
अगर आप EPF में कंट्रीब्यूशन पर किसी भी तरह की देरी की जाती हैं तो इसके लिए कंपनी पर जुर्माना और ब्याज लगाया जाता है। इसके लिए ईपीएफओ की तरफ किए गए एक ट्वीट में बताया गया था कि यदि इंप्लॉयर योगदान देने में विफल हो जाता है, जो कि बाकी की रकम पर जुर्माना और ब्याज का पेमेंट करना होता है।
यदि ये देरी 2 महीने से कम समय की होती है तो 5 फीसदी का जुर्माना लगेगा। 2 महीने से 4 महीने पर 10 फीसदी, 4 से 6 महीने पर 15 फीसदी और 6 महीने से कम पर 25 फीसदी का जुर्माना लगता है।
इसे भी पढ़ें- आज से बदल जाएंगे ये नियम, आम आदमी के बजट पर पड़ेगा सीधा असर, देखिए आपके खर्चों में क्या होगा बदलाव
EPF में न पैसा जमा करने पर कर्मचारी उठाएंगे ये कदम
यदि कंपनी की तरफ से EPF में कंट्रीब्यूशन देने में किसी भी प्रकार की देरी की जाती है तो EPFO में कर्मचारी इंप्लॉयर के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकता है EPFO उस रकम को ब्याज और जुर्माने के साथ में रिकवर कर सकता है।
वहीं कोई कंपनी कर्मचारी को PF कंट्रीब्यूशन में लेट करती है तो EPF एक्ट 1952 की धारा 7क्यू के अनुसार बाकी की रकम पर नियोक्ता को 12 फीसदी का ब्याज देना होगा।