नई दिल्ली Credit Card Dues: आज के समय हर दूसरा शख्स क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस समय क्रेडिट कार्ड के चलन में काफी तेजी आई है। बता दें बीते एक साल से देश में क्रेडिट कार्ड का बकाया 30 फीसदी बढ़ गया है। ये बैंक लोन की तुलना में तकरीबन दो गुना बढ़ा है। अप्रैल में क्रेडिट कार्ड का बाकी 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। बैंक ने पहली बार आंकड़ा छुआ है।
बहराल बैंक की ओर से ये कहना है कि इसमें किसी भी चिंता की बात नहीं है। क्यों कि क्रेडिट कार्ड का हिस्सा काफी कम है। जबकि RBI के द्वारा अनसिक्योर्ड बैंक क्रेडिट में इजाफे को लेकर चिंता जताई गई है। RBI के अनुसार, इस महीने अप्रैल 2023 में क्रेडिट कार्ड बैलेंस 2 लाख 258 करोड़ के पार पहुंच गया है। जो कि बीते साल अप्रैल के मुताबले 29.7 फीसदी ज्यादा है। क्रेडिट कार्ड के बाकी में इजाफे का अर्थ है कि लोगों पर कर्ज काफी बढ़ रहा है। इसके साथ ही क्रेडिट कार्ड के बढ़ते उपयोग को भी दर्शाता है।
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वहीं Axis Bank के प्रेजिडेंट एंड हेड संजीव मोघे के मुताबिक, ग्राहक क्रेडिट कार्ड का उपयोग बढ़ने के साथ ही बैलेंस शीट में भी इजाफा हुआ है। बीते एक साल में ग्राहक स्पेंडिंग बढ़ोतरी हुई है। इस अप्रैल 2023 में 1.3 करोड रुपये का ट्रांजैक्शन क्रेडिटा कार्ड्स के द्वार हुआ है। क्रेडिट कार्ड से ट्राजैक्शन में इजाफे का अर्थ है कि ग्राहक का कॉन्फिडेंस बढ रहा है। लेकिन आउटस्टैंडिंग बैलेंस में इजाफे का अर्थ ये है कि लोगों को खरीदारी करने के लिए अधिक से अधिक भुगतान करना पड़ रहा है।
कुल बैंक क्रेडिट में कार्ड के बैलेंस की भागीदारी सिर्फ 1.4 फीसदी है। पर्सनल लोन में ये हाउसिंग 14.1 फीसदी और ऑटो लोन 3.7 फीसदी के बाद सबसे अधिक है। वहीं 2008 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस से ठीक पहले क्रेडिट कार्ड्स का बाकी 1.2 फीसदी तक चल गया था। इसके बाद एक दशक तक ये 1 फीसदी से नीचे रहा है। अगस्त महीने में इसने 1 फीसदी की ऊंचाई को छुआ और फिर इसके बाद कंटीन्यू बढ़ता ही रहा है।
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देश में 5 फीसदी से कम क्रेडिट कार्ड
बहराल बैंकों का कहना है कि आज का समय 2008 से बिल्कुल अलग है। अब सिर्फ उन्हीं लोगों को क्रेडिट कार्ड जारी किया जाता है जो कि लोन को अदा करने में सक्षम हैं। स्पेंडिंग बढ़ने और मल्टीकार्ड ओनरशिप के होते हुए भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां पर कम ही लोगों के पास क्रेडिट कार्ड है। आबादी के हिसाब से देखें तो देश में 5 फीसदी से कम लोगों के पास क्रेडिट कार्ड हैं। जो कि बाकी के देशों से बिल्कुल ही अलग हैं। RBI के मुताबिक बीते 12 महीने में बैंक क्रेडिट में इंडस्टी 26.3 प्रतिशत से कम होकर 24.3 प्रतिशत आ गई है।