नई दिल्ली Airfare in India: देश लगातार विकास की ओर बढ़ रहा है। इसके लिए अलग-अलग सेक्टर में योगदान दिया जा रहा है। वहीं इसमें एविएशन सेक्टर की तफ अपना ही योगदान किया जा रहा है। बीते कुछ सालों में देश के एविएशन सेक्टर में काफी बदलाव देखने को मिले हैं। वहीं फ्लाइट्स से सफर करने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन एक चीज लोगों को काफी परेशानी दे रही है और वह है एयरोप्लेन का किराया। बीते कुछ सालों से यदि इसकी तुलना करें तो हवाई जहाज का किराया काफी अधिक है। इसके पीछे का क्या कारण है चलिए इसके बारे में डिटेल से जानते हैं।
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एयरलाइन बाजार एकाधिकार में बदलाव
देश का एयरलाइन मार्केट एकाधिकार में बदलाव किया जा रहा है टिकट की कीमतें जो कि काफी समय से कम थी उनमें काफी इजाफा किया जा चुका है। थॉमस कुक इंडिया और एसओटीसी ट्रैवल के अनुसार, सबसे बिजी मार्ग मुंबई नई दिल्ली पर हवाई किराएं की तुलना में जनवरी से अगस्त के समय 23 फीसदी था। एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनेशनल एशिया पैसिफिक के एक अध्ययन में ये मिला है कि 2019 की तुलना में इस साल के पहले तीन महीनों में देश में इस क्षेत्र में सबसे अधिक हवाई किराए में 41 फीसदी इजाफा देखने को मिला है।
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कीमतों में हुआ इजाफा
आपको बता दें ये कीमते ऐसे समय आई हैं जब दो घरेलू इंडिगो और एयर इंडिया दुनिया के सबसे तेजी से मार्केट को कलर कर रहे हैं। जबकि अधिकतर छोटे कॉम्पटीटर मार्केट में रहने के लिए स्ट्रगल कर रहे हैं। दरअसल 63 फीसदी साझेदारी के साथ में देश का सबसे बड़ा वाहक इंडिगो चल रहा है ये 500 एयरबस एसई के रिकॉर्ड ऑर्डर के साथ में ज्यादा यातायात पाने के लिए तैयार है। ये विमान 2030 तक इसमें शामिल हो सकता है।
होगा विमान का सौदा
वहीं देश की नंबर 2 पर रहने वाली एयर इंडिया ने एक बड़े विमान का सौदा किया है। ये विस्तार में शामिल होने के प्लान के साथ में बड़ा हो जाएगा। ये इस समय टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस के को-ओनरशिप में है। इसके साथ में एयर इंडिया के साथ में जुड़ने के लिए तैयार है।