नई दिल्ली Post Office Monthly Income Account: रिटायरमेंट के बाद जमा पूंजी को सेफ रखने में निवेश करना एक बड़ी समस्या होती है। रिटायरमेंट एक ऐसा समय होता है जहां पर लोगों को सिर्फ अपने भविष्य का ख्याल आता है। इसके लिए एक्सपर्ट सिर्फ पोस्ट ऑफिस में निवेश करने की सलाह देते हैं।
अगर आप कहीं निवेश का प्लान बना रहे हैं तो पोस्ट ऑफिस स्कीम आपके लिए खास हो सकती है। पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम मंथली इनकम स्कीम बेहतरीन ऑप्शन हो सकी है। इसमें आपकी जमा राशि सेफ रहती है। वहीं इसके द्वारा हर महीने कमाई करेंगे।
ब्याज दरों में की गई बढ़ोतरी
पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम के तहत अप्रैल से डिपॉजिट लिमिट को बढ़ाया गया है। वहीं इस पर मिलने वाली ब्याज दर भी सरकार ने बढ़ा दी है। इस साल पेश हुए बजट में केंद्र सरकार ने पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम के लिए जमा की लिमिट को बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया है।
वहीं सिगंल खाते में 9 लाख रुपये और ज्वाइंट खाते में 15 लाख तक का निवेश कर सकते हैं। इससे पहले इस लिमिट को 4.50 लाख और 9 लाख रुपये की थी। अप्रैल में इसकी ब्याज दर को बढ़ाकर 7.4 फीसदी कर दिया गया है। ये खाता ओपन करने के लिए कम से कम 1 हजार रुपये जरूरी हैं। इसके बाद 1000 रुपये मल्टीपल तरीके से जमा कर सकते हैं।
कैसे होगा इस स्कीम में लाभ
पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम पर सालाना 7.4 फीसदी का ब्याज दिया जाता है। इसमें जमा पैसों पर जो भी सालाना ब्याज मिलता है उसको 12 भागों में बांटा जाता है। ये भाग आपके खाते में आता है। यदि ब्याज का पैसा न निकालें तो वह आपको पोस्ट ऑफिस सेविंग खाते में जमा रहेगा। स्कीम के मैच्योर होने से पहले ब्याज का पैसा मिल जाता है।
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम की मैच्योरिटी 5 सालों की होती है, लेकिन 5 साल के बाद नई ब्याज दर के हिसाब से इसको आगे एक्स्टेंड किया जा सकता है। वहीं 5 सालों के बाद स्कीम में नहीं बनें रहना है तो आपको पूरा पैसा मिल जाएगा।
कितना मिलता है पैसा
अगर सिंगल खाता हैं तो 7.4 फीसदी की ब्याज दर से अधिकतम निवेश 9 लाख रुपये का करते हैं जिसमें सालाना ब्याज के तौर पर 66 हजार 600 रुपये मिलते हैं। इसमें ब्याज से 5550 रुपये प्राप्त होंगे। ज्वाइंट खाते की बात करें तो इसमें मैक्जिमम 15 लाख का निवेश होता है। इसके बाद इसमें 7.4 फीसदी की ब्याज दर से 1 लाख 11 हजार रुपये प्राप्त होंगे। जिससे इसमें मंथली 9250 रुपये प्राप्त होंगे।