नई दिल्ली:cyber insurance. आज हम डिजिटल युग के जमाने में जी रहे हैं। जहां पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में चुटकियों में काम हो जाता है। आप किसी भी क्षेत्र में बात करें तो इंटरनेट के वजह से हर काम आसान हो गया है तो भाई तो भाई लोगों के लिए इंटरनेट पर अपने आप को सुरक्षित करना बहुत बड़ी बात है यही वजह है कि अब मार्केट में कंपनियां साइबर इंश्योरेंस ला रही हैं।
दरअसल अभी तक अपने लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, कार इंश्योरेंस या होम इंश्योरेंस आज के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपने साइबर इंश्योरेंस के बारे में सुना है नहीं ना, साइबर इंश्योरेंस आज की जरूरत का हिस्सा बनता चला जा रहा है। कई कंपनियां डिजिटल तरीके से साइबर इंश्योरेंस देना का वादा करती हैं।
देश में अक्सर खबरों में आता रहता है कि साइबर फ्रॉड की घटनाएं बढ़ती जा रही है। तो वहीं कोई ना कोई किसी भी तरीके से जाने अनजाने में साइबर फ्रॉड का शिकार होता रहता है। यही वजह है कि आजकल कंपनियां इसका उपाय करने के लिए साइबर इंश्योरेंस को प्रदान कर रही है।
साइबर इंश्योरेंस में मिलती इस तरह से सुरक्षा
लोगों को कम जानकारी होने की वजह से साइबर अपराधी ऐसी पर्सनल डिटेल्स लेकर फ्रॉड करते रहते हैं। तो वही कंपनियों ने साइबर इंश्योरेंस को लाया है। इस साइबर इंश्योरेंस कई तरह से अलग-अलग तरह की साइबर सुरक्षा मिलती है, जिसमें यूपीआई के साइबर फ्रॉड, क्योआर-कोड से होने वाले फ्रॉड, ईमेल से होने वाले फ्रॉड जैसे नुकसान को कवर किया जाता है। खास बात ये हैं कि यह पॉलिसी लोगों के बैंक में पड़े पैसे क्रेडिट, डेबिट कार्ड से अनचाहे ट्रांजैक्शन या फ्रॉड को भी प्रोटेक्ट करने का काम करती है।
यं कंपनी दे रही साइबर इंश्योरेंस
वहीं मौजूदा समय में साइबर कंपनियां के इंश्योरेंस पॉलिसी की बात करें तो एसबीआई जनरल इंश्योरेंस, बजाज अलायंस, एचडीएफसी अर्गो जैसी बड़ी कंपनियां ग्राहकों को इस तरह का इंश्योरेंस प्रदान करने का काम कर रही है। यहां पर ग्राहक अपने बजट के अनुसार ₹50000 से लेकर एक करोड रुपए तक का इंश्योरेंस ले सकते हैं।