नई दिल्ली: Liquid DAP: किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। दरअसल सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किसानों के लिए बड़ी घोषणा की है। इससे खेती करने में होने वाले खर्चे में 20 फीसदी की कमी आएगी। अमित शाह ने किसानों से लिक्विड नैनो डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) और लिक्विड नैनो यूरिया को इस्तेमाल करने के लिए कहा और इस्तेमाल बढ़ाने के लिए कहा।
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अमित शाह का कहना है कि इसके इस्तेमाल से उर्वरक उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर बनेगा और आयात में कमी आएगी। इफको के नैनो लिक्विड डीएपी उर्वरक 500 मिमी की बोतल में बिक्री के लिए उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि लिक्विड फॉर्म में आने वाला यह डीएपी फसल की उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करेगा।
500 मिली की बोतल की कीमत 600 रुपये
अमित शाह ने कहा कि 500 मिली की बोतल की कीमत 600 रुपये है। देखा जाए तो लिक्विड डीएपी की कीमत पारंपरिक डीएपी से आधी से भी कम है। मौजूदा समय पारंपरिक डीएपी की एक बोरी (50 किलो) की कीमत 1,350 रुपये है। लिक्विड डीएपी के इस्तेमाल से आयात का खर्च कम होगा और इसके साथ ही मिट्टी के संरक्षण, उच्च फसल उपज, आसान परिवहन और भंडारण में भी सुविधा मिलेगी। अमित शाह ने कहा कि भारत की 60 फीसदी आबादी कृषि कार्यों से जुड़ी है। ऐसे में यह ‘क्रांतिकारी विकास’ देश को उर्वरक के क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर’ बनाने में मदद करेगा।
फसल उत्पादन का खर्च हुआ कम
बता दें कि साल 2022-23 में उर्वरक सब्सिडी बिल 2.25 लाख करोड़ रुपये बना था। ऐसे में लिक्विड डीएपी इस्तेमाल करने से किसानों को फसल उत्पादन में होने वाले खर्च में कमी आएगी। एक तरह से लागत 6 से 20 फीसदी कम हो जाएगी। अमित शाह ने कहा कि, इफको को 20 साल के लिए नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के लिए पेटेंट मिला है। वहीं इफको सहकारी संस्था के उत्पादों के इस्तेमाल करने के बदले रॉयल्टी मिलेगी। इफको ने कहा कि उसने गुजरात के कलोल, कांडला और उड़ीसा के पारादीप में नैनो डीएपी उर्वरकों के उत्पादन के लिए निर्माण सुविधाएं शुरू की हैं।
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कलोल कंपनी में इस साल 25 लाख टन डीएपी के बराबर नैनो डीएपी लिक्विड की 5 करोड़ बोतलें तैयार की जाएंगी। नैनो डीएपी की एक बोतल में 8 फीसदी नाइट्रोजन और 16 फीसदी फॉस्फोरस रहता है, जो मौजूदा डीएपी के 50 किलो की बोरी के बराबर होता है। IFFCO के चेयरमैन दिलीप संघनी ने कहा कि इस नैनों DAP को किसानो की आय को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे खेती के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बनेगा।