नई दिल्लीः आपके घर परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी है तो फिर यह खबर ध्यान से पढ़नी होगी, क्योंकि सरकार की तरफ से एख बड़ा ऐलान किया गया है। सरकार की तरफ से इस तिमाही के लिए ब्याज की दरों की ऐलान कर दिया गया है, किसी बड़ी खुशखबरी की तरह है। सरकार ने साल 2024 में जनवरी से मार्च तक की तिमाही केल लिए जनरल प्रोविडेंट फंड(जीपीएफ) की घोषणा की है।
इस तिमाही के लिए ब्याज में किसी तरह का बदलाव ननहीं किया गया है। ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। इस तिमाही में भी पहले की तरह 7.1 प्रतिशत की दर से ही ब्जाज का फायदा मिलता रहेगा। यह ब्याज दरें 31 मार्च 2024 तक लागू मानी जाएंगी। सरकार ने आधिकारिक तौर पर यह ऐलान किया है, जिससे कर्मचारियों के चेहरे पर काफी रौनक दिख रही है।
जानिए कहां और कैसे लागू होंगी ब्याज दरें
आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, साल 2024 में जनवरी से मार्च तक के लिए सरकार ने 7.1 फीसदी ब्याज दरें लागू करने का फैसला लिया गया है। ये ब्याज दरें जनरल प्रोविडेंट फंड, कंट्रीब्यूशन प्रोविडेंट फंड, ऑल इंडिया सर्विस प्रोविडेंट फंड, स्टेट रेलवे प्रोविडेंट फंड, जनरल प्रोविडेंट फंड, इंडियन ऑर्डिनेंस डिपार्टमेंट प्रोविडेंट फंड, इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज वर्कमेंस प्रोविडेंट फंड, इंडियन नेवल डॉकयार्ड वर्कमेंस प्रोविडेंट फंड पर लागू की जाएंगी।
इसका फायदा बड़ी संख्या में कर्मचारियों को होने जा रहा है। अगर आप सरकारी एंप्लॉय हैं तो जीपीएफ का सदस्य बन सकते हैं जिसके बाद ब्याज का फायदा आराम से मिलता रहेगा। इसके लिए आपको कुछ जरूरी बातों को जानना होगा, जिससे किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।
फटाफट जानें कैसे बनते हैं जीपीएफ मेंबर
अगर आप सरकारी कर्मी है तो जीपीएफ का सदस्य बन सकते हैं। इसके लिए अपनी सैलरी का एक निश्चित फीसदी का योगदान देकर GPF का सदस्य बन सकते हैं। ये कर्मचारियों के लिए बहुत ही जरूरी है। जब कर्मचारी सस्पेंड होता है तो ये जरूरी नहीं रहता है। कुछ नियमों के अनुसार, रिटायरमेंट की तारीख के 3 महीने पहले जीपीएफ की सदस्यता बंद करने का काम किया जाता है। जाती है.
वहीं, साल 2007-08 के दौरान जीपीएफ पर 8 प्रतिशत की दर से ब्याज का फायदा दिया जाता था। यह ब्याज साल 2011 तक मिलता रहा। साल 2011 से 2012 के बीच इसमें कुछ परिवर्तन किए गए। नवंबर 2011 तक 8 फीसदी ब्याज दर तय किया गया था। नवंबर 2011 से मार्च 2012 तक 8.6 फीसदी ब्याज दिया गया था।
साल 2012 से साल 2016 तक जीपीएफ के लिए ब्याज दर 8.80 प्रतिशत रही। साल 2016 से 2017 के बीच इसमें परिवर्तन किया गया। इसके साथ ही सितंबर 2016 तक 8.1 प्रतिशत की दर से ब्याज का फायदा मिला। सितंबर 2016 से मार्च 2017 तक 7.8 फीसदी की दर से ब्याज का लाभ मिलता रहा। साल 2020-2021 में जीपीएफ पर 7.1 प्रतिशत ब्याज मिलने लगा जो अब त जारी है।