नई दिल्ली: आगामी चुनावों के पहले देशभर में पुरानी पेंशन योजना की चर्चा पर काफी जोर दिया जा रहा है। एक तरफ झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और हिमाचल प्रदेश मेंं पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जा चुका है।वही देखा जाए तो कर्मचारियों के बढ़ते आक्रोश के साथ देखा जाए तो इसको लेकर विचार करने शुरू किया गया है।
बैठक में कर्मचारियों की तरफ से रखे गए सुझाव
इस बैठक में राज्य सरका को लेकर बात की जाए तो तरफ से गठित 3 अधिकारियों की कमेटी को लिकर कर्मचारियों ने सुझाव रखना शुरू किया गया है। वही मीटिंग के बाद कर्मचारियों ने बताया है कि राज्य में हर हाल में ओपीएस लागू होनी अहम माना जा रहा है। संभावना लगाई जा रही है कि ओपीएस को लेकर कर्मचारियों को लेकर ले हफ्ते फिर मीटिंग बुलाने को लिए उम्मीद की गई है, जिसमें कुछ बीच को लेकर रास्ता मिल रहा है। इस कमेटी के द्वारा कर्मचारियों की बात करे तो सुझाव लेने के साथ रिपोर्ट बनाकर सरकार को देने जा रही है।
ओपीएस की मांग को लेकर हो रही मांग
पेंशन बहाली संघर्ष समिति ने जानकारी दिया है कि ओपीएस लागू होना अहम होता है, ये हमने साफ तौर पर बता दिया है। NPS कर्मचारियो को सोशल सिक्योरिटी प्रदान किया जा रहा है। 5 मार्च को कर्मचारियो का राष्ट्रीय अधिवेशन दिल्ली में लागू हो गया है। इसमें आंदोलन के आगे की रणनीति होने की तैयारी है। अगर बातचीत के लिए बुलाने जा रही है। शामिल होंगे लेकिन ओपीएस लागू करना को लिकर मांग हो रही है।
किसे मिलेगा पुरानी पेंशन का फायदा
बता दे कि 2006 के बाद राज्य के विभिन्न विभागों को लेकर तैनात होने के बाद 1.74 लाख कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर मांग किया गया है, माना जा रहा है कि यदि ओपीएस ही सहमति मानी जा रही है। तो प्रदेश के ऐसे कर्मचारी को लिए देखा जाए तो 1 जनवरी 2006 उसे पहले भर्ती हो चुका है उन्हें पुरानी पेंशन योजनाओं का फायदा हो गया है।