Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा सार्वजनिक कर दिया है। अब यह साफ हो गया कि किसने कितने रुपये के बॉन्ड खरीदने का काम किया था। चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई इलेक्टोरल बॉन्ड की सूची में सबसे ऊपर किसी बड़ी कंपनी या कारोबारी का नाम नहीं है।
पार्टियों को खुश रखने के लिए व्यक्तिगत तौर पर भी कई बॉन्च को खरीदने का काम किया गया है। इलेक्टोरल बॉन्ड से दान पाने वाले में बीजेपी, कांग्रेस और तृणमूल समेत कई राजनितिक पार्टियां शामिल हैं। आपको हम नीचे बातने जा रहे हैं कि वो 5 लोग कौन हैं, जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने में बड़ी कंपनी और उद्योगपतियों को भी पीछे छोड़ दिया है।
जानिए कौन हैं वो 5 दान देने वाले लोग
राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने में सबसे ऊपर किसी बड़े उद्यमी या कंपनी का नाम नहीं है। पहले नंबर पर मार्टिन लॉटरी एलेंसीज लिमिटेड के माम से पहचान बनाने वाली फ्यूचर गेमिंड एंड होटल सर्विसेज इस सूची में शिखर पर है। साल 2022 में ईडी ने इस कंपनी की जांच भी थी। इसने अलग-अलग कंपनियों की जनकारी दो 1350 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड करीदने का काम किया था।
इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर मेघा इंजीनियरिंग एंड इफ्रास्टक्चर लिमिटेड का नाम शामिल हैं। उन्होंने कुल 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदने का काम किया था। क्विक स्प्लाई चैन प्राइवेट लिमिटेड तीसरे नंबर पर आते हैं, जिन्होंने 410 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे। वेदांता लिमिटेड कंपनी चौथरी नंबर पर आती है, जिसने 400 करोड़ रुयपे बॉन्ड की खरीदारी की थी। हल्दिया एनर्जी लिमिटेड की बात करें तो 377 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे जो अब पांचवें नंबर पर है।
इन पार्टियों को मिला इलेक्टोरल बॉन्ड से खूब चंदा
इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा पाने वालों में देशभर की तमाम पार्टियां सामिल हैं। इसमें सबसे ऊपर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी का नाम आता है। इसके अलावा कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडी एस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस जेडीयू, आप राजद, समाजवादी पार्टी, नेकां, बीजेडी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी मोमांतक सहि तमाम अन्य पार्टियां भी शामिल हैं। जानकारी के लिए बता दें कि एसबीआई को कुछ दिन पहले इलेक्टोरल बॉन्ड चुनाव आयोग को सौंपने के दिशा-निर्देश दिए थे।