Rolls Royce: दुनिया के सबसे लग्जरी कार ब्रांड रोल्स रॉयस सभी की चहेती है। मिडिल क्लास आदमी भी Rolls Royce में घूमने का सपना देखता है। आपको बता दें कि इस कंपनी की स्थापना 1904 में चार्ल्स रॉयस और हेनरी रॉयस के द्वारा की गई थी। तब से ही यह लग्जरी का पर्याय बन गई थी। इतने लंबे इतिहास के दौरान रोल्स रॉयस में कई बदलाव किए गए। इसकी ओनरशिप भी कई बार बदली। लेकिन कभी भी इसके लग्जरी में बदलाव नहीं हुआ। यह आज भी प्रीमियमनेस का प्रतीक है।
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मौजूदा समय में Rolls Royce का स्वामित्व BMW समूह के पास है। BMW एक जर्मन मल्टीनैशनल कॉरपोरेशन है जो अपनी प्रीमियम कार बनाने के लिए जानी जाती है। बीएमडब्ल्यू ने रोल्स रॉयस को सन 1998 में खरीदा था। इस समझौते के तहत बीएमडब्ल्यू ने रोल्स रॉयस का नाम और इसके लोगों पर अपना अधिकार कर लिया था। इसके साथ ही इसकी स्पिरिट ऑफ एक्सटेसी पर भी अपना अधिकार कर लिया था।
बीएमडब्ल्यू से पहले रोल्स रॉयस ब्रिटिश इंजीनियरिंग और प्रोडक्शन कंपनी विकर्स पीएलसी के पास था। इसने रोल्स रॉयस को 1980 में खरीदा था। इन 18 सालों के दौरान रोल्स रॉयस प्रॉफिट कमाने में नाकाम रही थी। इसी को देखते हुए सन 1998 में विकर ने रोल्स रॉयस को Volkswagen समूह को बेच दिया। इसके तुरंत बाद ही इसी साल फॉक्सवैगन रूप में इसे बीएमडब्ल्यू को बेच दिया।
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स्वामित्व में इतने परिवर्तन के बाद भी आज रोल्स रॉयस लग्जरी का प्रतीक बनी हुई है। इसकी कीमत बीएमडब्ल्यू से भी ज्यादा है। इसका Phantom, Ghost और Rath मॉडल लग्जरी का प्रतीक है। वही हाल ही में लॉन्च हुई कलिंगल एसयूवी भी सभी की चहेती बन बैठी है। आपको बता दें कि रोल्स रॉयस सिर्फ लग्जरी कार ही नहीं बनाता बल्कि इनके द्वारा हाई परफॉर्मेंस एयरप्लेन और जहाजों का इंजन भी बनाया जाता है।