BYD Not Allow for Investment: भारत का कार बाजार काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। दुनिया भर में इस बाजार को लेकर चर्चा गर्म में रहती है और सभी बड़ी कार कंपनियां चाहती हैं कि उनकी कारें भी भारत में बिके। अब इसी को देखते हुए चीनी कंपनी बीवायडी (BYD ) ने भी अपनी कई इलेक्ट्रिक कारों को भारत में लॉन्च किया है। हालांकि BYD अपनी कारों को तो भारत में बेचती है लेकिन इनका व्यापार का स्तर बहुत ही छोटा है। भारत में अपनी ग्रोथ की संभावना को देखते हुए यह कंपनी अपने आकार को बढ़ाना चाहती थी। अपने व्यापार को उसने व्यापक स्तर पर बढ़ाने के लिए एक भारतीय कंपनी से हाथ भी मिलाया। लेकिन केंद्रीय सरकार ने विवादी के फैसले को जानकारी दिया।
दरअसल बीएडी भारत में अपनी पार्टनर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ एक अरब डॉलर का निवेश कर इलेक्ट्रिक वाहन फैक्ट्री लगाना चाहती थी। जब कंपनी ने इसका प्रस्ताव सरकार को दिया तो मोदी सरकार ने इसे खारिज कर दिया है। बता दे की MEIL और BYD ने संयुक्त रूप से तेलंगाना में एक इलेक्ट्रिक वाहन फैक्ट्री लगाने का प्रस्ताव सरकार को दिया था।
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इस पर तकरीबन एक अरब डालर यानी की 8200 करोड रुपए का खर्च होना था। सूत्रों ने बताया है कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को कंपनी ने यह प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव की जरूरी पड़ताल एवं मंजूरियों के लिए भारी उद्योग मंत्रालय विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के पास भी इस रिपोर्ट को भेजा गया। सरकार ने भी तमाम स्तर पर साड़ी पहलुओं की जांच की और मंजूरी न देने का फैसला किया।
भारत में निवेश के लिए आए इस प्रस्ताव में विदेशी कंपनी के साझेदार होने से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों की पड़ताल करनी बहुत ही जरूरी हो जाती है। प्रावधानों के मुताबिक भारत जमीनी सीमा से सटे देशों से आने वाले किसी भी तरह के निवेश प्रस्ताव की सघन समीक्षा की जाती है और इसे सेंट्रल गवर्नमेंट से मंजूरी भी लेनी होती है।
ऐसे नियम सिर्फ भारत के पड़ोसी देश चीन, बांग्लादेश, भूटान, पाकिस्तान, म्यांमार, अफगानिस्तान और नेपाल के लिए ही लागू है। इस फैसले के तहत BYD के निवेश में गड़बड़ी पाई गई और सरकार ने उसे मंजूरी देने से मना कर दिया। देखा जाए तो भारत में अप्रैल 2000 से लेकर मार्च 2023 के बीच चीन से कुल 2.55 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है।