Bajaj Scooters: भारतीय मार्केट में स्कूटर की सेल दिनों दिन बढ़ते जा रही है। लेकिन जहां हीरो और टीवीएस जैसी कंपनियां अपनी बेहतरीन स्कूटर बेच रही है। वही आपको इस लिस्ट में बजाज का नाम नहीं दिखता है।
बजाज के पास सिर्फ एक स्कूटर है, जिससे वह इलेक्ट्रिक सेगमेंट में बेचती है। लेकिन कंपनी एक भी ICE स्कूटर नहीं बनती है। अब जहां सभी कंपनियां स्कूटर बना अपनी सेल को बढ़ा रही है। वही बजाज कोई स्कूटर क्यों नहीं बनती है इसके पीछे बहुत बड़ा कारण है।
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70 और 80 के दशक में भारतीय बाजार विदेशियों के लिए पूरी तरीके से बंद था। उस समय बजाज चेतन को लांच किया गया था। यह स्कूटर भारतीय बाजार में इतना ज्यादा पॉपुलर हुआ की हर महीने इसके 70000 यूनिट्स बिकने लगे।
वही इस पर अब तक का सबसे लंबा वेटिंग पीरियड भी था जो तकरीबन 7 से 8 साल तक पहुंच जाता था। उस समय जिसके पास भी बजाज चेतक होता था वह समाज के अमीर व्यक्तियों में गिने जाते थे। लेकिन एकाएक क्या हुआ जिसके कारण बजाज चेतक को बंद करना पड़ा?
1991 का वित्तीय क्रांति
1991 वह साल था जब भारतीय बाजार को ग्लोबलाइज्ड करके विदेशियों को यहां एंट्री दी गई। इसके बाद जापानी कंपनी जैसे कि सुजुकी, होंडा, कावासाकी ने भारत में अपने टू व्हीलर लॉन्च करने शुरू कर दिए। इन जापानी कंपनियां नाम भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी करी टू व्हीलर लॉन्च किया।
इसके अलावा वे उस समय की CVT टेक्नोलॉजी को भी अपने साथ लेकर आए, जिसके कारण स्कूटर में अब गियर की झंझट खत्म हो गई थी। गियर ना होने के कारण अब स्कूटर को चलाना बहुत ही आसान हो गया था और होंडा काइनेटिक जैसी ऑटोमेटिक स्कूटर महिलाओं और युवाओं के बीच काफी ज्यादा पॉपुलर होने लगी।
इसके अलावा बाइक्स ने भी बजाज चेतक की डिमांड कम कर दी। सस्ती कीमत पर आने वाली बाइक्स अब भारतीयों के लिए ज्यादा प्रैक्टिकल हो गई थी और उनकी डिलीवरी भी काफी जल्दी हो रही थी। यही कारण है कि लोग बाइक्स खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे थे।
इसको देखते हुए 1998 में बजाज ने कावासाकी के साथ कॉन्ट्रेक्ट साइन कर कई बाईकों लॉन्च करना शुरू किया। इसका फायदा बजाज को मिला और सदी के अंत तक 24 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ बजाज देश की दूसरी सबसे बड़ी बाइक कंपनी बन गई थी।
लेकिन जब 2001 में होंडा एक्टिवा लॉन्च हुई तो इसके लुक और परफॉर्मेंस के कारण लोगों ने इसे स्कूटर के तौर पर देखना शुरू किया और इसकी सेल आसमान छूने लगी। इसने बजाज चेतक को पूरी तरीके से मार्केट से उठा दिया।
लेकिन इसी साल बाजार की Bajaj Pulsar भी लॉन्च हुई जिनकी डिमांड इतनी ज्यादा थी कि कंपनी खुद विश्वास नहीं कर पा रही थी। फिर क्या था 2006 में बजाज चेतक को बंद कर दिया गया।
Bajaj का फैसला
बजाज चेतक अपने अंतिम दौर में एक फेल स्कूटर बन चुकी थी। इसके बाद कंपनी ने 2007 में एक नई स्कूटर को लांच किया जो एडवांस टेक्नोलॉजी पर बेस्ड थी। लेकिन इसे लोगों द्वारा पसंद नहीं किया गया।
इसलिए कंपनी के मालिक राजीव बजाज ने अपना पूरा फोकस बाइक्स बनाने पर कर दिया। उनका विजन है कि वह बजाज को विश्व की सबसे बड़ी बाइक निर्माता कंपनी बनाना चाहते हैं। उनके इस फैसले का नतीजा हमें अब देखने को मिल ही रहा है।
आज बजाज देश की सबसे बड़ी बाइक निर्यातक कंपनी है। बजाज चेतक को बंद करने के बाद कंपनी ने भारतीय बाजार में काफी अच्छी ग्रोथ हासिल की है और राजीव बजाज विश्वास करते हैं की स्कूटर बनाने में बजाज अब उतनी अच्छी नहीं है। इसलिए कंपनी अब सिर्फ बाइक मार्केट को टारगेट करके रखेगी।