Totke: अक्सर हमने अपने घर के बड़े-बुज़ुर्गों से सुना है कि घर के छोटे बच्चों को जल्दी नज़र लग जाती है, जिसके बाद वो लगातार रोते रहते हैं। इस दौरान वे खाना-पीना भी बंद कर देते हैं। दरअसल, आंखों की रोशनी कोई बीमारी नहीं है, लेकिन जब किसी बच्चे को यह बीमारी हो जाती है तो उसकी हालत बहुत खराब हो जाती है। आज की पीढ़ी भले ही इसे अंधविश्वास के तौर पर देखती हो, लेकिन भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी विनोद सोनी पोद्दार के मुताबिक बुरी नजर देखना किसी भी तरह का अंधविश्वास नहीं है। आमतौर पर जब बुरी नजर लगती है तो व्यक्ति की सारी सकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है और उसके सभी अच्छे विचार बुरे में बदलने लगते हैं, जो कष्ट का कारण बन सकते हैं।
शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर उनके कंधे का सिन्दूर लेकर नजर लगे बच्चे के माथे पर लगाने से बुरी नजर का प्रभाव कम हो जाता है।
कभी-कभी स्तनपान करते समय बच्चे की आंख लग जाती है। ऐसी स्थिति में इमली की तीन छोटी-छोटी टहनियां लें, उन्हें एक तरफ से आग में जला दें, दूसरी तरफ से हाथ में पकड़कर जिस बच्चे को नजर लगी हो उसके माथे से सात बार घुमाएं और फिर उसे आग में बुझा दें। पानी से दूध पीने वाले बच्चे की आंखों की रोशनी चली जाती है।
खाना खाते समय घूरने से बच्चों में किसी विशेष खाद्य पदार्थ के प्रति अरूचि पैदा हो जाती है। ऐसे में तैयार भोजन में से थोड़ा सा किसी पेड़ के पत्ते पर लेकर उस पर गुलाब जल या गुलाब की पत्तियां छिड़क कर रास्ते में रख दें और फिर बच्चे को खिलाएं। नजर उतर जायेगी.
लाल मिर्च, अजवाइन और पीली सरसों को एक छोटे मिट्टी के बर्तन में आग पर रखकर जला लें। फिर इसे उस बच्चे को खिला दें जिसकी नजर खराब हो। किसी भी प्रकार की बुरी नजर होगी तो वह दूर हो जाएगी।