अगर ये तीन बातें हो घर के मुखिया के अंदर, तो कोई नहीं कर पाएगा परिवार का बाल बांका

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Shivam Jha

परिवार को बांध कर रखने में परिवार के मुखिया का रोल सबसे अहम होता है। भारत के सर्वश्रेष्ठ विद्वानों में से एक चाणक्य ने भी कहा है कि मुखिया ही होता है जो घर को एक डोर में बांध कर रखता है।क्योंकि उसका एक फैसला पूरे परिवार का भविष्य बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। चाणक्य ने बताया कि घर के मुखिया में अगर ये 3 आदतें हो तो उसके परिवार पर आंच भी नहीं आ सकती।

केवल आंखों देखी चीजों पर ही यकीन

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ये एक अहम जिम्मेदारी होती है। इसलिए इसका निर्वहन भी बहुत संभलकर करना पड़ता है। ऐसे में घर के मुखिया को कान का कच्चा नहीं होना चाहिए।किसी भी छोटे-बड़े विषयों के हर पहलू पर गौर करने के बाद ही उसके बारे में विचार बनाना चाहिए, क्योंकि जो सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास करते हैं उनका परिवार बिखरने में देर नहीं लगती। और वो हर मोड़ पर धोखा खाते हैं। जो अपने विवेक और समझदारी से काम करते हैं उनके परिवार का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता।

पैसों का मैनेजमेंट

पैसा कमाना जितना मुश्किल है उससे भी कहीं ज्यादा मुश्किल उसे संभाल कर रखना है। इसलिए घर के मुखिया को ऐसा होना चाहिए जो घर के पैसे रुपए को संभाल कर रख सकें।बेवजह के खर्चों पर लगाम लगाकर रखता है. उनका परिवार मुसीबत में भी एकजुट रहता है। उन्हें कभी धन की कमी नहीं होती। इस एक आदत की वजह से संकट के समय में भी परिवार की खुशियां बरकरार रहती है।

अपनी बात पर कायम रहना

घर के मुखिया को हर पल बात नहीं बदलना चाहिए। अगर उसने परिवार के हित में कोई फैसला कर लिया तो फिर उसे इस बात पर अड़े रहना है। चाणक्य नीति में खासकर इस बात का उल्लेख किया गया है।आचार्य चाणक्य कहते हैं कि परिवार का मुखिया पंक्ति में खड़े पहले व्यक्ति की तरह होता है। जो जैसा खड़ा होता है, कतार में शेष लोग भी वैसे ही खड़े होते हैं।

डिस्क्लेमर: ऊपर लिखी गई तमाम बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। हम इनमें से किसी भी बात की सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं।

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