Kaal Sarp Dosh: कर्कोटक कालसर्प योग और कुलिक कालसर्प योग ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के स्थानों और उनके आपसी संबंधों पर आधारित होते हैं। ये योग राहु और केतु ग्रहों के साथ जुड़े होते हैं और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इन्हें कुंडली में दोष माना जाता है। कर्कोटक कालसर्प योग में राहु अष्टम भाव में और केतु द्वितीय भाव में होता है, जबकि कुलिक कालसर्प योग में राहु द्वितीय और केतु अष्टम भाव में होता है।
कर्कोटक कालसर्प दोष ज्योतिषीय दृष्टिकोण से एक दोष माना जाता है और व्यक्ति के जीवन में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इसका व्यक्ति के जीवन पर कई तरह से प्रभाव पड़ता है:
- आर्थिक संकट: कर्कोटक कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को धन प्राप्ति में कुछ बाधाएं आ सकती हैं जिससे व्यवसाय या करियर में संकट पैदा हो सकता है।
- करियर में बाधाएं: कुंडली में कर्कोटक कालसर्प दोष होने से व्यक्ति को करियर में प्रगति में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं। नौकरी में मिलने या पदोन्नति के लिए प्रयास करते समय व्यक्ति को कठिनाई हो सकती है।
- सगाई और विवाह में चुनौतियां: कुंडली में कर्कोटक कालसर्प दोष होने से विवाहित जीवन में चुनौतियां हो सकती हैं और विवाह तय होने के बाद भी कुछ परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।
इसके उपाय कुछ इस प्रकार है :
- हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करना: हनुमान चालीसा को 108 बार पाठ करने से हनुमान जी के आशीर्वाद से आपके जीवन में सुख, समृद्धि, और सफलता की प्राप्ति हो सकती है।
- पांच मंगलवार का व्रत: पांच सप्ताह तक आप हर मंगलवार को व्रत रख सकते हैं। इस व्रत के दौरान व्रत करने वाले को मांगलिक ग्रह के प्रभाव से रक्षा मिलती है और उन्हें सुख-शांति मिलती है।
- हनुमान जी को चमेली के तेल में सिंदूर घोलकर चोला चढ़ाना: इस अनुष्ठान में आप हनुमान जी के मंदिर या मूर्ति को चमेली के तेल में सिंदूर घोलकर उनके चोले को चढ़ा सकते हैं। यह उपाय हनुमान जी के कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है।
- बूंदी के लड्डू का भोग: पूजा के बाद आप हनुमान जी को बूंदी के लड्डू का भोग लगा सकते हैं और उन्हें प्रसाद के रूप में सभी को बांट सकते हैं।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Timesbull.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।