नई दिल्ली: IPL के 2025 सीजन में 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने इतिहास रचते हुए सबसे कम उम्र में शतक जड़कर सबका ध्यान खींचा। राजस्थान रॉयल्स के इस युवा बल्लेबाज ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35 गेंदों में शतक बनाकर न सिर्फ आईपीएल का सबसे तेज शतक बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया, बल्कि सबसे युवा शतकवीर बनने का गौरव भी प्राप्त किया। हालांकि, मुंबई इंडियंस के खिलाफ अगली पारी में उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा, जब वे दो गेंदों पर शून्य पर आउट हो गए।

लेकिन, टीम के तेज गेंदबाजी कोच शेन बांड का कहना है कि यह युवा खिलाड़ी अपनी खेल शैली पर पूरा ध्यान दे रहा है, और उसे अपने तरीके से खेलने की पूरी आज़ादी दी गई है। बांड ने बताया कि कोचिंग स्टाफ ने वैभव को जटिलताएं दूर रखने का प्रयास किया है, ताकि वह सहज होकर खेल सके।

कोचिंग की सरलता और युवाओं पर ध्यान

शेन बांड ने बताया कि वैभव सूर्यवंशी को अधिक दबाव से बचाने के लिए टीम के कोचिंग स्टाफ ने कोशिश की है कि वह खेल में कुछ ज्यादा जटिलता ना घेर ले। उन्होंने यह भी कहा कि, “हमने उसे अपने तरीके से खेलने की पूरी छूट दी है, क्योंकि इतनी छोटी उम्र में जो काम उसने किया है, वह शानदार है।”

बांड ने यह भी स्पष्ट किया कि वैभव के लिए दबाव कम करना और उसे अपने गेम का आनंद लेने का अवसर देना बहुत जरूरी है। इस दौरान सहायक कोच विक्रम राठौर की भूमिका भी अहम रही, जो बल्लेबाज को विपक्षी गेंदबाजों के खिलाफ अपनी रणनीतियों पर काम करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

बच्चों के साथ धैर्य रखना ज़रूरी है

शेन बांड ने कहा कि इतनी कम उम्र के खिलाड़ी के साथ धैर्य बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है। “वैभव को बड़े शॉट खेलने से रोका नहीं जा सकता। वह अपना खेल जिस तरीके से खेलता है, वही उसकी खासियत है,” बांड ने कहा। उनका मानना है कि IPL जैसे बड़े मंच पर इस तरह के युवा खिलाड़ी को बढ़ावा देने से क्रिकेट में नई संभावनाएं खुल सकती हैं।