नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस साल दूसरी बार रेपो रेट में 0.25% की कटौती का ऐलान किया है। इसके बाद यह 6% पर आ गई है। इससे पहले फरवरी में RBI गवर्नर ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती की थी। इस कटौती का फायदा उन लोगों को मिलेगा जिन्होंने फ्लोटिंग-रेट पर होम लोन लिया है। फ्लोटिंग-रेट लोन रेपो रेट पर आधारित होते हैं। रेपो रेट में होने वाले बदलाव के हिसाब से बैंक फ्लोटिंग-रेट लोन की ब्याज दरों में बदलाव करते रहते हैं।

ग्राहकों को देंगे

उम्मीद है कि बैंक जल्द ही रेपो रेट में कटौती का फायदा ग्राहकों को देंगे, लेकिन कई विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा तुरंत नहीं होगा। अक्सर बैंक ब्याज दरों के संशोधन चक्र के हिसाब से रेपो रेट में कटौती का फायदा ग्राहकों को देते हैं। इसका मतलब यह है कि बैंकों को अपनी ब्याज दरों को अपडेट करने में थोड़ा समय लगता है। कई बार यह प्रक्रिया धीमी होती है, क्योंकि बैंकों को कई दूसरे खर्चों का सामना करना पड़ता है। जैसे फंड जुटाने की लागत और मुनाफे पर दबाव। इसी वजह से कई बैंकों ने पिछली रेपो रेट कटौती का फायदा अभी तक ग्राहकों को नहीं दिया है। एनारोक ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी ने एक निजी चैनल से कहा – महंगाई में कमी आने के कारण रेपो रेट में 25 आधार अंकों (0.25%) की कटौती का फैसला पहले से ही अपेक्षित था।

क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी

हालांकि, होम लोन लेने वालों को ब्याज दरों में कोई महत्वपूर्ण या तत्काल राहत मिलने की संभावना नहीं है। कई बैंकों ने रेपो रेट में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं दिया है, क्योंकि वे उच्च फंडिंग लागत, उच्च एनपीए और सावधानी से ऋण देने की स्थिति का सामना कर रहे हैं।  हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि रेपो रेट में कटौती का लाभ ऋण लेने वालों को मिलेगा, भले ही इसमें देरी हो। कम ब्याज दरों से होम लोन अधिक किफायती हो जाएगा, जिससे घर खरीदने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी और रियल एस्टेट बाजार के विभिन्न क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी। अगर बैंक रेपो रेट में कटौती का लाभ ग्राहकों को देते हैं, तो होम लोन की ब्याज दरें 8% से नीचे जा सकती हैं।

लोन नहीं ले पाएंगे

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्तमान में तीन सरकारी बैंक – यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 8.1% की ब्याज दर पर होम लोन दे रहे हैं। रेपो रेट में ताजा कटौती के बाद यह 7.85% पर आ सकता है। वहीं, निजी बैंकों की शुरुआती ब्याज दरें घटकर 8% पर आ सकती हैं, क्योंकि वे अभी 8.5% और उससे ज़्यादा ब्याज पर लोन दे रहे हैं। अगर आपका क्रेडिट स्कोर बहुत अच्छा नहीं है, तो भी आप होम लोन की ब्याज दरों में कमी का फ़ायदा नहीं उठा पाएंगे। अगर भविष्य में कोई बैंक 8% से कम ब्याज पर होम लोन दे भी रहा है, तो भी अगर क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है, तो आप उस ब्याज दर पर लोन नहीं ले पाएंगे।

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