नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) में पिछले कुछ समय से हिंसा जारी है। हथियारबंद विद्रोही संगठन लगातार पाकिस्तानी सेना और अन्य सुरक्षा बलों के खिलाफ बड़े हमले कर रहे हैं। इसमें सबसे हालिया और सबसे बड़ी घटना बलूचिस्तान में जाफर ट्रेन हाईजैक की है, जिसे बलूचिस्तान के अलगाववादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के लड़ाकों ने अंजाम दिया। इस घटना के बाद बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सेना और चीन को बलूचिस्तान छोड़ने की धमकी भी दी है। बीएलए ने कई बार चीन के चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) प्रोजेक्ट को बलूचिस्तान पर अवैध कब्जा करार दिया है।

खामियाजा भुगतना पड़ रहा

इसके अलावा उसने चीन के इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह बर्बाद करने की धमकी तक दे दी है। इस बीच पाकिस्तान में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि बलूचिस्तान में अलगाववादी संगठनों से निपटने और अपने हितों की रक्षा के लिए चीन बलूचिस्तान में अपनी सेना तैनात करने जा रहा है। इस बीच एक पाकिस्तानी यूट्यूबर सना अमजद ने पाकिस्तानी नागरिकों से चीन की योजना के बारे में बात की। इस दौरान पाकिस्तान में चीनी सेना की तैनाती को लेकर पाकिस्तानी लोग गुस्से में नजर आए। अली अकबर नामक एक पाकिस्तानी ने चीन के सीपीईसी प्रोजेक्ट के बारे में कहा, “भारत ने पहले ही इसके बारे में चेतावनी दे दी थी। उसने पहले दिन से ही चीन के इस प्रोजेक्ट का विरोध किया था और पाकिस्तान को भी इसके बारे में आगाह किया था। लेकिन पाकिस्तान ने बेवकूफी की और आज उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

रक्षा करने की क्षमता नहीं

अली अकबर ने आगे कहा, “पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर बहुत अत्याचार किए हैं और इसी का नतीजा है कि आज बलूचिस्तान के नागरिकों का गुस्सा लावा की तरह फूट रहा है। हालांकि, अगर पाकिस्तान की शाहबाज शरीफ की सरकार अभी भी इस मामले पर ठीक से ध्यान दे तो हालात कुछ हद तक सुधर सकते हैं।” उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान बलूचिस्तान में युद्ध शुरू करता है तो भारत जरूर उनके समर्थन में खड़ा होगा या ईरान बलूचियों की मदद के लिए आगे आएगा।” अकबर ने कहा कि पाकिस्तान पहले ही चीन से झूठ बोल चुका है कि बलूचिस्तान में सुरक्षा संबंधी कोई समस्या नहीं है।

जिसके बाद चीन ने बलूचिस्तान में भारी निवेश किया।” अकबर ने कहा कि पाकिस्तान सरकार देश की इज्जत को नीलाम करने पर तुली हुई है। पाकिस्तान में चीनी सेना की तैनाती देश की बची-खुची इज्जत भी छीन लेगी, क्योंकि चीनी सेना का हमारे देश में आकर कार्रवाई करने का मतलब है कि हमारी पाकिस्तानी सेना में हमारी रक्षा करने की क्षमता नहीं है।

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