नई दिल्ली। सर्दी के मौसम में सभी घरों में आमतौर पर पंजाब हरियाणा के क्षेत्र में सरसों का साग बनाया जाता है। सरसों का साग स्वाद जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही यह सेहत के लिए भी गुणकारी माना गया है। सरसों के साग बनाते वक्त लोग कई तरह के हरी पत्ती सब्जी में शामिल करते हैं जिसमें कई तरह के विटामिन, मिनरल जैसे पोषक तत्व मिलते हैं, हालांकि सरसों के साग को बनाते वक्त आपको इन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए जिसके बारे में आज हम आपको बताएंगे-
साग के अनुपात का ध्यान रखें, जब भी आप साग बना रहे हो तो यह आपको देखना है कि आप कौन-कौन से सब्जी को किस-किस मात्रा में डाल रहे हैं। आप बथुआ, पालक और सरसों के साग के लिए एक एक और दो के अनुपात का प्रयोग कर सकते हैं, यदि आप एक गुच्छा सरसों के पत्ते ले रहे हैं तो उसके साथ बथुआ का आधा गुच्छा और पालक का आधा गुच्छा लें तभी इसका स्वाद अच्छा आएगा। आप बथुआ और पालक के अनुपात को ज्यादा ना बढ़ाएं।
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ऐसे कड़वा नहीं बनेगा सरसों का साग- बहुत से लोगों को यह शिकायत होती है कि उनका सरसों का साग कड़वा बनता है अगर आपके साथ भी यही परेशानी है तो आप जितनी मात्रा में सरसों का उपयोग कर रही है उसमें उसे कम करें और पालक की मात्रा थोड़ा बढ़ा दें आप चाहे तो उबले हुए पानी से सरसों के साग को उबाल सकती है और छानकर पानी अलग कर दें। ध्यान रखें कि ज्यादा पानी में उबालने से महत्वपूर्ण पोषक तत्व सरसों के साग खो देते हैं इसलिए आप ज्यादा देर तक साग को उबाले नहीं।
भूल कर भी ना करें यह गलती – सब्जी बनाते वक्त आपको हमेशा इस बात के लिए सचेत रहना होगा की आप साग को अच्छे से नहीं तो मिट्टी रह जाती है जिससे बनाने के बाद खाते वक्त स्वाद में एकदम किरकिरा पन महसूस होता है, जब भी आप साग बनाए तो उसे अच्छे से धो ले ताकि सभी मिट्टी धूल जाए।
सॉलटेड बटर का न करें इस्तेमाल, कुछ लोग साग का स्वाद बढ़ाने के लिए मक्खन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन आप को ध्यान रखना होगा कि मार्केट में मिलने वाले नमकीन मक्खन का इस्तेमाल नहीं करना है। यह आपके साग में नमक का मात्रा बढ़ाएगा और स्वाद बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा सरसों का स्वाद में नमक बढ़ जाएगा और खाने पर नमकीन लगेगा।