नई दिल्लीः आपने नौकरी करते हुए तो टीडीए कटते सुना होगा, क्योंकि तमाम कंपनियां ऐसा करती हैं। आपसे कोई कहे कि भारत में कुछ ऐसी स्कीम हैं जिनपर टीडीएस काटा जाता है तो यह बात आपको पचेगी नहीं, पर सौ फीसदी सच है। देशभर में अब कई धाकड़ स्कीम चलाई जा रही हैं, जिनमें टीडीएस काटने की पेशकश की जाती है।
आप सोच रहे होंगे कि ऐसी कौन सी स्कीम हैं, जिन्हें जानना आपके लिए बहुत ही जरूरी है। देश की बड़ी संस्थाओं में गिने जाने वाली पोस्ट ऑफिस की कई लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म निवेश प्लान की पेशकश कर रहा है, जो लोगों का दिल जीतता दिख रहा है। वैसे ये सभी सभी योजनाएं टैक्स-फ्री होती हैं। पोस्ट ऑफिस की कुछ योजनाओं पर तो निवेशकों को छूट भी प्रदान नहीं की जाती है। टीडीएस से संबंधित जानकारी के लिए आप हमारा आर्टिकल नीचे तक ध्यान से पढ़ लें, जिससे की तरह की दिक्कत नहीं होगी।
जानिए टीडीएस क्या है
नौकरी या फिर किसी सरकार योजना से जुड़ना चाहते हैं तो फिर आपको टीडीए के बारे में जानना होगा। टीडीएस आपके स्रोत पर कर कटौती मानी जाती है। साथ ही किसी भी व्यक्ति की आमदनी के स्रोत से सीधे टैक्स पेमेंट करने के लिए बनाया है जो टीडीएस एक ऐसा मैकेनिज्म माना जाता है।
इसके साथ ही टीडीएस का उपयोग टैक्स जुटाने के लिए करती है। वहीं, एक चोरी को कम करने के लिए रेवेन्यू (पूरी तरह से या आंशिक रूप से) बाद में अर्जित करने के बजाय तुरंत इकट्ठा करने के लिए किया जाता है, जो बहुत ही जरूरी है। वहीं, पोस्ट ऑफिस की ऐसी निवेश योजनाओं का डेटा दिया जा रहा है, जिनपर टीडीए कटौती की जाती है।
इस योजना पर काटा जाता है टीडीएस
सरकार द्वारा चलाई जा रही बेहतरीन स्कीम रिकरिंग डिपॉजिट लोगों का दिल जीत रही है। इस स्कीम पर 40,000 रुपये से अधिक ब्याज मिलने पर टीडीएस काट लिया जाता है। ब्याज की राशि सीमा से कम है तो फिर टैक्स नहीं काटा जाता है। इसके साथ ही सीनियर सीटिज़न के लिए टीडीएस काटने की सीमा 50,000 रुपये तय की गई है।
इंडिया पोस्ट टाइम डिपॉजिट से जुड़ी जरूरी बातें
वहीं,5 साल के टाइम डिपॉजिट स्कीम के तहत निवेश की गई राशि (1.5 लाख रुपये तक) टीडीएस के लिए पात्र मानी जाती है। इसके साथ ही मतलब यह है कि टीडी अकाउंट में एक साल, दो साल या तीन साल के लिए जमा की गई राशि टैक्स डिडक्शन के लिए पात्र नहीं होती है, जिसे जानना जरूरी है।
इसके अलावा पोस्ट ऑफिस मंथली इंस्टालमेंट स्कीम अकाउंट के तहत अर्जित ब्याज कर योग्य है। इसमें जमा राशि पर धारा 80सी के तहत कोई कटौती नहीं होती है। अगर आपको 40 हजार से अधिक ब्याज मिल रहा है तो टीडीएस काटने का काम किया जाएगा।